Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 03:26 PM
यूपी पुलिस अपने कारनामों के चलते हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती है। लेकिन आज का मामला बेहद ही अजीबो-गरीब है। जहां पुलिस ने जिंदा तो जिंदा, मुर्दो का ...
बलरामपुरः यूपी पुलिस अपने कारनामों के चलते हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती है। लेकिन आज का मामला बेहद ही अजीबो-गरीब है। जहां पुलिस ने जिंदा तो जिंदा, मुर्दो का भी चालान काट दिया है। फिलहाल इस पूरे मामले पर अपरअधिक्षक ने जांच के निर्देश दिए हैं।
दरअसल मामला जिले को उतरौला का है। जहां के निवासी फ़रीद बेग करीब 7 साल पहले मुंबई गए थे। वहीं पर 4 साल पहले उनकी मौत हो गई। नगर निकाय चुनाव में उतरौला पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किए मृतक को शांति भंग की आंशका में चालान कर एसडीएम उतरौला को भेज दिया।
इतना ही नहीं उतरौला के सुभाष नगर के 2 सगे भाइयों नूर आलाम , और मकसूद आलाम उर्फ जहांगीर को भी शांति भंग की आशंका में चालान कर दिया, जबकि दोनों भाई पिछले 3 वर्षों से सउदी अरब में रह कर अपना कारोबार कर रहे है। यही नहीं पुलिस ने आंखों से लाचार एक ऐसे व्यकित मो.आलम का चालान कर दिया है जो पिछले 20 वर्षों से देख तक नहीं पाते और चलने के लिए उन्हें दुसरो का सहारा लेना पड़ता है।
पुलिस की लापरवाही यही खत्म नहीं होती ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं। जिसमें पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किए लोगों को अपराधी बना दिया। जिसमें कई महिलाएं और किशोर शामिल हैं। जिनका न तो किसी से कोई विवाद है और न ही किसी राजनीतिक दल से सम्बन्ध हैं।
सबसे खास बात तो यह है कि एसडीएम उतरौला ने बिना जांच पड़ताल कराए पुलिस सूची को पूरी तरह सही मानते हुए शरीफ लोगों पर कार्रवाई कर दी। पुलिस और प्रशासन की इस कार्रवाई से गरीब और शरीफ आदमी परेशान हैं। इसके बाद से लोगों मे भारी आक्रोश है।