गंगा प्रदूषण मामले में यूपी सरकार से नाराज हाईकोर्ट, अगली सुनवाई पर मांगा हलफमाना

Edited By ,Updated: 10 Mar, 2017 01:48 PM

up govt opposed to ganga pollution case high court quits on next hearing

हाईकोर्ट ने गंगा नदी में दूषित जल प्रवाहित किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को...

इलाहाबादः हाईकोर्ट ने गंगा नदी में दूषित जल प्रवाहित किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को अन्तिम मौका देते हुए 13 अप्रैल को अगली सुनवाई पर हलफनामा मांगा है।

हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर मांगा हलफमाना
याचिकाकर्ता विजय चन्द्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गंगा नदी में दूषित जल प्रवाहित किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही कोर्ट ने पिछली सुनवाई में राज्य सरकार, यूपी प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड और न्याय मित्र से सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट को लेकर जो हलफनामा मांगा था, उसमें केवल न्याय मित्र की ओर से ही हलफनामा पेश किया गया। जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को अन्तिम मौका देते हुए 13 अप्रैल को अगली सुनवाई पर हलफमाना मांगा है।हाईकोर्ट ने यूपी प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड और जल निगम से भी एसटीपी की स्थिति की वास्तविक जानकारी मांगी है।

उद्योग कर रहे गंगा नदी को प्रदूषित
वहीं यूपी प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड ने अपने हलफनामे में कोर्ट को जानकारी दी है कि इलाहाबाद, कानपुर और वाराणसी में बने सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट राष्ट्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के मानकों के अनुरूप नहीं हैं। इसके साथ ही सभी एसटीपी सही ढंग से कार्य नहीं कर रही हैं, जिससे दूषित जल गंगा में छोड़ा जा रहा है। कोर्ट में यह भी जानकारी दी गई कि पूरे प्रदेश में 701 उद्योग ऐसे हैं, जो गंगा को दूषित कर रहे हैं और वाराणसी में अकेले 129 उद्योग गंगा नदी को प्रदूषित कर रहे हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस यशवन्त वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई।

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