गठबंधन की रार में अटकी है BJP की सूची

Edited By ,Updated: 22 Jan, 2017 02:51 PM

up elections 2017  narendra modi  amit shah

एक ओर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन में कई अड़चनें सामने आ रही हैं, तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी को भी गठबंधन के लिए समझौते करने पड़ रहे हैं और...

लखनऊ: एक ओर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन में कई अड़चनें सामने आ रही हैं, तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी को भी गठबंधन के लिए समझौते करने पड़ रहे हैं और यही कारण है कि कई बैठकों के बाद भी भाजपा को अपने उम्मीदवारों की अगली सूची जारी करने में समस्या आ रही है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी का किसी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं है, जिस कारण इसकी चर्चा बहुत कम हो रही है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी का अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन की बात चल रही है लेकिन उनके बीच सीटों के बंटवारे को लेकर समस्याएं हैं और उसी के कारण भारतीय जनता पार्टी अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी जारी नहीं कर रही है।

भाजपा उम्मीदवारों की सूची की अभी घोषणा नहीं करना चाहती
भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हो चुकी है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में वीरवार की रात को ही करीब 150 उम्मीदवारों की सूची भी तैयार कर ली गई है लेकिन भाजपा अभी इसकी घोषणा करना नहीं चाहती है क्योंकि उसका अपना दल एवं भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन पर अंतिम समझौता नहीं हो पाया है। सूत्रों के अनुसार, अनुप्रिया पटेल और ओम प्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी से 30-30 सीटें मांगी हैं। इन दोनों पार्टियों के नेता अपनी जाति की स्थिति के अनुसार भाजपा से इतनी सीटें मांग रहे हैं। बता दें कि अनुप्रिया पटेल कुर्मी जाति की हैं, जिनकी जाति की वाराणसी-प्रतापगढ़ क्षेत्र के करीब 5-6 जिलों  में अच्छी संख्या है। दूसरी ओर राजभर समुदाय भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब 7-8 जिलों में अच्छी स्थिति में है। ऐसे में इन्हें उम्मीद है कि भाजपा से तोलमोल करके ये अपनी बात मनवा लेंगे।

बसपा ने अपने सारे उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी
उल्लेखनीय है कि अनुप्रिया पटेल को केंद्र में मंत्री बनाया गया है। लोकसभा चुनाव के समय इनकी पार्टी अपना दल और भाजपा के बीच गठबंधन हुआ था और अपना दल ने दो लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरी ओर राजभर ने हाल ही में भाजपा के साथ हाथ मिलाया है और पिछले कुछ महीनों से भारतीय समाज पार्टी ने भाजपा के साथ मिलकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई सफल रैलियां की हैं। पिछले कुछ महीने पहले मऊ की एक रैली में ओम प्रकाश राजभर के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मंच पर मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने राजभर को दो-तीन सीट देने की बात कही है। इससे निराश होकर राजभर ने दूसरी पार्टियों के साथ बात करना शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार राजभर ने सपा और बसपा के साथ भी गठबंधन के लिए बात करना शुरू कर दिया है। हालांकि, बसपा के लिए तो यह संभव नहीं है क्योंकि उसने पहले से ही अपने सारे उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।

भाजपा अपनी बिहार की गलती दोहराना नहीं चाहती
दूसरी ओर सपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन के बीच भी सीटों का बंटवारा ही समस्या पैदा कर रही है। लेकिन अगर इन दोनों के बीच गठबंधन नहीं होता है तो दोनों ही पार्टियों को पूर्वी उत्तर प्रदेश में छोटे दलों की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, राजभर की मांग के बारे में भाजपा का स्पष्ट रुख है और उसका कहना है कि बिहार चुनाव में छोटी पार्टियों रालोसपा, हम व लोजपा के साथ गठबंधन से कुछ ज्यादा फायदा नहीं हुआ है और यूपी में इन्हें ज्यादा सीटें देकर भाजपा अपनी बिहार की गलती दोहराना नहीं चाहती है।

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