Edited By ,Updated: 15 Dec, 2016 12:48 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नोटबंदी के पहले खरीदी गई मोटरसाइकिलों को लेकर सूबे में राजनीति गरमा गई है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नोटबंदी के पहले खरीदी गई मोटरसाइकिलों को लेकर सूबे में राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कालेधन को सफेद करने का आरोप लगाया, तो भाजपा इस पर सीधे बोलने से बच रही है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि नोटबंदी के ठीक पहले भाजपा ने मोटरसाइकिलों की जमकर खरीददारी की। तिवारी का आरोप है कि इन वाहनों की खरीद कालेधन को सफेद करने के लिए की गई। उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की।
गोरखपुर में सफेद रंग की 248 मोटरसाइकिल खड़ी
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नोटबंदी के पहले भाजपा ने सैंकडों की संख्या में मोटरसाइकिलों को खरीद कर व्यापक पैमाने पर गडबडी की है, इसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में एक स्थान पर सफेद रंग की 248 मोटरसाइकिल खड़ी हैं। उनकी टंकियों पर भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल का फूल बना हुआ है। 196 का भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय के नाम पंजियन भी हो चुका है। केवल गोरखपुर में ही रखी गाड़ियों की कीमत एक करोड रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। यादव ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हो सके।
भाजपा इस मामले में खुलकर बोलने को तैयार नहीं
उधर, भाजपा इस पर खुलकर कुछ बोलने से तैयार नहीं है। नाम नहीं छापने की शर्त पर भाजपा के एक नेता ने कहा कि यह फैसला केन्द्रीय नेतृत्व का हो सकता है, इसलिए इस पर नेतृत्व ही कुछ बोले तो ठीक है। वहीं सूत्रों का दावा है कि भाजपा की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में चार-चार मोटरसाइकिल भेजने की योजना है। यह मोटरसाइकिलें उसी कारण से खरीदी गई हैं। एक मोटरसाइकिल पर दो कार्यकर्त्ता बैठकर क्षेत्र में पार्टी का प्रचार करेंगे। उनका कहना है कि बड़ी गाडियों की अपेक्षा मोटरसाइकिल से प्रचार करना आसान होगा। कार्यकर्त्ता घर-घर पहुंच सकते हैं।
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