UP ELECTION 2017: छोटी पार्टियां बिगाड़ सकती हैं बड़ी पार्टियों का खेल

Edited By ,Updated: 13 Jan, 2017 10:10 AM

up election 2017  narendra modi  akhilesh yadav

चुनाव के समय हर बड़ी राजनीतिक पार्टी को सहारे की जरूरत होती है।

लखनऊ: चुनाव के समय हर बड़ी राजनीतिक पार्टी को सहारे की जरूरत होती है। क्षेत्र विशेष और खासकर जाति विशेष में अपनी प्रभावी भूमिका को लेकर छोटी राजनीतिक पार्टियों की उपेक्षा करना जहां बड़ी पार्टी के नेताओं की हार की पृष्ठ भूमि तैयार कर देता है, तो उनका साथ उन्हें जीत की ओर भी अग्रसर करता है। भारतीय जनता पार्टी ने न केवल लोकसभा चुनाव में बल्कि असम जैसे राज्य में चुनाव के समय इसे आजमाकर जीत का स्वाद चख चुकी है।

चुनाव के समय छोटी पार्टियों का बढ़ा महत्व
लोकसभा चुनाव के समय मोदी-शाह की रणनीति ने बिहार में जहां राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के साथ गठबंधन किया था, तो यू.पी. में अपना दल जैसी छोटी पार्टी को अपने साथ लिया था और उसी तरह से असम विधान सभा चुनाव में कई स्थानीय पार्टियों के साथ गठबंधन कर पहली बार इस पूर्वोत्तर राज्य में सत्ता तक पहुंच पाई थी। ठीक इसी तरह इस बार भी यू.पी. में चुनाव के समय छोटी पार्टियों का महत्व बढ़ गया है और उनके साथ गठबंधन की तैयारी भी चल रही है। यू.पी. में अपना दल के साथ तो भाजपा का पहले से ही गठबंधन है लेकिन इसके अलावा भी कई पार्टियां वहां एक जाति विशेष पर अपनी पकड़ रखती हैं, जिसमें सुहेलदेव की भारतीय समाज पार्टी, संजय चौहान की जनवादी पार्टी, पीस पार्टी, निषाद पार्टी एवं महान दल आदि प्रमुख हैं, जिसमें से भारतीय समाज पार्टी के साथ भाजपा का गठबंधन हो चुका है और जनवादी पार्टी के साथ उसकी बातचीत चल रही है।

निषाद पार्टी अध्यक्ष : डॉ. संजय निषाद
निर्बल भारतीय शोषित समाज हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के अध्यक्ष संजय निषाद हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश के मछुआरों के  बीच इस पार्टी की अच्छी-खासी पहचान है। राजनीतिक दल बनाने से कुछ महीने पहले एक सामाजिक समूह राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के तहत संजय निषाद ने काम करना शुरू किया और इस जाति के लोगों को इकट्ठा किया। गोरखपुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों पर इसका अच्छा-खासा प्रभाव है।

पीस पार्टी ऑफ इंडिया : अध्यक्ष : मोहम्मद अयूब
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी ने अपना दल के साथ गठबंधन करके 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था और 4 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी तथा कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों में इसे ठीक-ठाक वोट मिल गया था। पीस पार्टी प्रमुख मोहम्मद अयूब कहते हैं कि निषाद पार्टी के साथ गठबंधन करके वे यू.पी. की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष : ओम प्रकाश राजभर
एक दशक से अधिक समय से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय एस.बी.एस.पी. आजकल पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने की तैयारी कर रही है। इसके अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर गाजीपुर के जुहुरूबाद से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। यह राजभर जाति के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी संख्या में हैं।

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