Edited By Deepika Rajput,Updated: 04 Dec, 2018 07:13 PM
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी को लेकर हुई इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत 2 लोगों की मौत के बाद पुलिस एक्शन मोड में दिखाई दी। पुलिस ने देर रात छापेमारी कर इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा...
बुलंदशहर (उप्र): बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गौहत्या की अफवाह के बाद फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बुलंदशहर में स्थिति भी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने मंगलवार को बताया कि दंगा फैलाने और हत्या के मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से 27 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी तथा 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है।
इस बीच, हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके भाई की हत्या पुलिस के षडयंत्र से हुई है। सुनीता ने कहा ‘‘मेरा भाई पुलिस के षडयंत्र के कारण मारा गया क्योंकि वह दादरी के गौहत्या मामले की जांच कर रहा था।’’ उन्होंने अपने भाई को शहीद का दर्जा देने और उनका स्मारक बनाने की मांग करते हुए कहा ‘‘मुख्यमंत्री गाय-गाय रटते रहते हैं, आखिर वह गौरक्षा के लिS क्यों नहीं आते हैं?’’
मारे गए इंस्पेक्टर के पुत्र अभिषेक ने कहा कि उसके पिता उसे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा को बढ़ावा न दे। उसने कहा ‘‘मेरे पिता ने हिंदू-मुस्लिम विवाद के चलते अपनी जान गंवा दी। अब किसके पिता की बारी है?’’
अभिषेक ने कहा कि आखिरी बार जब उसने अपने पिता से बात की थी तो उन्होंने उससे पूछा था कि क्या उसने खाना खा लिया, और पढ़ाई की या नहीं?’’ इससे पहले एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस जांच में पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्यों पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए।