Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 10:43 AM
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए बिल पर देवबंद उलेमा ने नाराजगी जताई है। इतना ही नहीं उलेमा ने साथ में यह भी चेताया है कि....
सहारनपुरः तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए बिल पर देवबंद उलेमा ने नाराजगी जताई है। इतना ही नहीं उलेमा ने साथ में यह भी चेताया है कि सरकार को कोई भी कानून बनाने से पहले शरीयत के जानकारों से राय मशवरा अवश्य करना चाहिए क्योंकि शरीयत के खिलाफ देश का मुसलमान कोई फैसला नहीं मानेगा।
दरअसल सरकार के फैसले से नाराज देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बार्ड के साथ खड़े रहने का ऐलान कर चुके हैं। इसके बावजूद यदि सरकार जल्दबाजी में तीन तलाक पर कोई कानून लाती है तो सरकार और उलेमा में टकराव बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
बिल का मसौदा दिखाए बिना केबिनेट की मंजूरी मिल जाने पर ऐतराज जताते हुए मुफ्ती ने कहा कि तीन तलाक मुसलमानों का निजी मामला है और हर मुसलमान इस मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ खड़ा है। उन्होंने चेताते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वो कोई ऐसा कदम ना उठाए जिससे टकराव की स्थिती पैदा हो, क्योंकि मुसलमान शरीयत के खिलाफ कोई भी फैसला किसी कीमत पर नहीं मानेगा।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक को गैरकानूनी करार दे दिए जाने के बाद अब केद्र सरकार तीन तलाक देने वालों को सख्त सजा देने की तैयारी में लगी हुई है। जिसके लिए कानून बनाने की प्रकिया जारी है। उलेमा द्वारा बार-बार बिल का मसौदा मुस्लिम दानिशवरों को दिखाने की मांग को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने के लिए तैयार किए गए बिल को कैबिनेट के सामने पेश कर दिया, जिसे एक स्वर में मोदी केबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी। अब इस बिल को शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।