Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 11:32 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां सन 2019 तक भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने का सपना संजोए हुए है, वहीं कानपुर में सरकारी अफसर...
कानपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां सन 2019 तक भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने का सपना संजोए हुए है, वहीं कानपुर में सरकारी अफसर उनके अभियान में पलीता लगा रहे है। प्रधान और सरकारी अफसर मिलकर शौचालय के नाम पर आए लाखों रुपए खर्च ना करके अपनी जेबे भर रहे है। यूं कहे कि ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधाएं उन तक पहुंचने से पहले ही घोटाले की भेट चढ़ रही है।
पुराने शौचालयों पर ही हो रही लिपा पोथी
दरअसल कानपुर के गांव चम्पतपुर में शौचालय के नाम पर प्रधान द्वारा घोटाले का मामला सामने आया है। यहां के ग्रामीणों ने प्रधान शिखा सिंह को इस बात के लिए वोट देकर जिताया था कि वह गांव का विकास करेंगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। ग्राम प्रधान के पति बलराम सिंह ने पुराने बने शौचालयों पर लिखे पुराने वर्ष पर पुताई व पेंट करवाकर उस पर नया वर्ष लिखकर शौचालयों का पैसा डकार लिया।
पहले भी हुए है विकास के नाम पर घोटाले
पंचायत सदस्य लाखन सिंह को जब घोटाले की जानकारी हुई तो उन्होंने कई अधिकारियों को इससे अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं बीडीओ से जब जानकारी मांगी तो उनका कहना था कि कागजी लड़ाई क्यों लड़ रहे हो। पंचायत सदस्य का कहना है कि चम्पतपुर गांव में विकास के नाम पर कई घोटाले किए गए है। यहां नाला बनाने के नाम पर भी घोटाला हुआ।
वैसे गांव के विकास के नाम पर किया जा रहे घोटालों का खेल कोई नया नहीं है। अब देखने वाली बात यह होगी की जांच होने के बाद कोई कार्रवाई की जाती है या जांच ठंडे बस्ते में चली जाएगी।