Edited By ,Updated: 05 Apr, 2017 02:35 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायदे को पूरा करने के लिए 5 विभागों की 10 दिनों तक चली मैराथन बैठकों के बाद....
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायदे को पूरा करने के लिए 5 विभागों की 10 दिनों तक चली मैराथन बैठकों के बाद उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी का निर्णय लिया जा सका। सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज यह खुलासा किया।
शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव के दौरान हर रैलियों में कहा कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों का कर्ज माफ होगा। अपने नेतृत्व के वायदे को योगी मंत्रिमंडल ने पहली बैठक में ही पूरा कर किसानों के प्रति अपना समर्पण जाहिर कर दिया। यह सरकार किसानों की मदद के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। शाही ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी के लिए राज्य को 36 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था करनी पड़ेगी। सरकार व्यवस्था करेगी और किसानों को राहत मिलेगी।
शाही ने कहा कि केन्द्र सरकार से इस बाबत मदद लेनेे की जरुरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार अपने संसाधनों से ही इसे पूरा कर लेगी। उनका कहना था कि किसानों को राहत देना हमारा संकल्प है और हम इसे पूरा करेंगे। इसमें किसी की मदद लेने की जरुरत ही नहीं पडेगी। प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कर्ज माफी योजना से इसका कोई लेना देना नहीं है। राज्य सरकार किसानों के आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिये कृतसंकल्प है। वह इसे निजी तौर पर भी देखते रहेंगे।
उनका कहना था कि पिछली सरकारों ने इस पर कोई गौर ही नहीं किया जिसकी वजह से किसानों की हालत खराब होती चली गई। गौरतलब है कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी करते हुए वायदा किया था कि सूबे में सरकार बनी तो मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे।