Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 12:57 PM
यूपी के अमरोहा में पक्षी प्रेम की अनूठी मिसाल देखने को मिली है। दरअसल यहां एक व्यक्ति ने अपने पालतू तोते की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए हिंदू रीति-रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार करवाया। वहीं तोते की तेरहवीं पर हवन के बाद ब्राह्मणों को...
अमरोहा((नदीम अहमद): यूपी के अमरोहा में पक्षी प्रेम की अनूठी मिसाल देखने को मिली है। दरअसल यहां एक व्यक्ति ने अपने पालतू तोते की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए हिंदू रीति-रिवाजों के साथ उसका अंतिम संस्कार करवाया। वहीं तोते की तेरहवीं पर हवन के बाद ब्राह्मणों को भोज खिलाकर दक्षिणा भी दी गई।
जानकारी के मुताबिक मामला अमरोहा जिले के हसनपुर कस्बे का है, जहां के रहने वाले पंकज मित्तल पेशे से शिक्षक हैं। साल 2013 में छत पर टहलते समय उन्होंने आसमान में उड़ रही चील के पंजे से एक नन्हा सा जीव अपनी छत पर गिरता हुआ देखा, वह जीव बुरी तरह से लहूलुहान था। पंकज ने किसी तरह तोते के बच्चे को चील के चंगुल से छुड़ाया और उसकी मरहम पट्टी की। कुछ दिन बाद पंकज के पूरे परिवार को तोते से बहुत लगाव हो गया और उन्होंने तोते का नाम मिठ्ठू रखकर अपने घर का सदस्य बना लिया।
पंकज के परिवार और इस तोते के प्यार की दास्तां सिर्फ कुछ ही साल चली। पिछली 5 मार्च को तोते की तबियत बिगड़ने से अचानक उसकी मौत हो गई। तोते की मौत से पूरा परिवार गमगीन हो गया। मित्तल परिवार ने गंगा घाट जाकर तोते की अस्थियों का विसर्जन किया। परिवार ने लोगों को तोते के अंतिम संस्कार के भोजन में आमंत्रित करने के लिए बकायदा कार्ड भी छपवाए। मिठ्ठू की तेरहवीं भी कराई गई, जिसमें हवन के बाद ब्राह्मणों को भोज खिलाकर दक्षिणा दी गई। सभी लोगों ने आत्मा की शांति के लिए तोते की फोटो पर पुष्प भी चढ़ाएं।