Edited By ,Updated: 09 May, 2017 02:05 PM
बीते सालों में किसानों पर पड़ी सूखे की मार ने जहां देश की आर्थिक स्थिति की कमर तोड़ दी है। वहीं किसानों के मायूस चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए....
वाराणसीः बीते सालों में किसानों पर पड़ी सूखे की मार ने जहां देश की आर्थिक स्थिति की कमर तोड़ दी है। वहीं किसानों के मायूस चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए वाराणसी की 2 छात्राओं की एक कोशिश बड़ा असर दिखा सकती है। ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज की इन छात्राओं ने बागवानी और खेतों को सूखा ग्रसित होने से बचाने के लिए एक डिवाइस बनाया है।
क्या है ये डिवाइस?
दरअसल कई किसान इस आभाव में भी अपनी फसल का नुकसान होते देखते हैं कि उन्हें सटीक समय पर फसल की जरूरतों का अंदाजा नहीं लग पाता। यानी उन्हें ये पता नहीं चल पाता कि इस मौजूदा वक्त पर फसल को पानी या खाद चाहिए की आने वाले 4 दिन बाद। अंदाजतन की गई खेती में भी सुखा बड़ी वजह बन जाती है। तो छात्रों के बनाए इस डिवाइस से उन किसानों को फायदा मिलेगा जो फसल की जरूरतों पर लापरवाह या मजबूर हैं।
छात्राओं ने ये बताए इसके फायदे
अशोका इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट की कंप्यूटर साइंस की दो छात्राएं सृष्टि और श्रेया ने किसानों के लिए ये खास तरीके का डिवाइस बनाया है जो सेंस्टिविटी सेंसर का काम करेगा। इसे खेत में निश्चित स्थान पर इंस्टॉल करना होगा जो ये बताएगा कि ज्यादातर समय में पौधों के रोपण के साथ-साथ उस स्थान पर वहां की मिट्टी के सूखने और नम होने का क्या अंतर है।
सेंसर एक्टिव हो जाने के बाद डिवाइस इंस्टॉल फोन नंबर के जरिए मैसेज भेज देगा। इस डिवाइस को एक महीने की मेहनत से तैयार किया गया है। जिसे तैयार करने में मात्र 300 रुपए का खर्च आया है। भविष्य में इस डिवाइस को बड़े पैमाने पर तैयार किया जा सकता है। इन छात्रों का कहना है की आने वाले दिनों में वायरलेस सिस्टम के जरिए इसकी रेंज और भी बढ़ाई जा सकती है।