कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे ये सरकारी स्कूल, यहां आते हैं 100 फीसदी बच्चे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 11:44 AM

these government schools competing with convent schools

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में कुछ ऐसे सरकारी स्कूल हैं जो कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहें हैं। अक्सर जब हम सरकारी स्कूलों की बात करते हैं तो टूटे फूटे या फि...

बदायूंः उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में कुछ ऐसे सरकारी स्कूल हैं जो कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहें हैं। अक्सर जब हम सरकारी स्कूलों की बात करते हैं तो टूटे फूटे या फिर सुविधाहीन स्कूलों की छवि दिमाग में आती है। लेकिन बदायूं जिले के इन सरकारी स्कूलों ने इस छवि को ही बदल दिया है। जिनमें प्राथमिक विद्यालय, मदनजुड़ी और लुआ सहित जिले के कई स्कूल शामिल हैं।

जानिए पूरा मामला 
मदनजुड़ी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनुज शर्मा ने बताया कि स्कूल को तमाम सामाजिक लोगों के द्वारा बच्चों की सुविधाओं की काफी चीजें उपलब्ध कराई गई हैं। जिनमें एक प्रोजेक्टर भी शामिल है। प्रोजेक्टर के माध्यम से स्कूल के बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेज भी लगाई जाती है। जिसमें उन्हें तमाम तरह की ज्ञानबर्धक बाते बताई जाती हैं। स्कूल में बहुत जल्द ही सामाजिक लोगों के सहयोग से कम्प्यूटर कक्ष बनने वाला है। जिससे बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा भी मिलनी शुरू हो जाएगी।

छोटे बच्चों को रोचक ढंग से दी जाती है शिक्षा 
साथ ही उन्होंने बताया कि अध्यापकों ने नया प्रयोग करते हुए एनसी की कक्षा शुरू की है। जिसमें छोटे बच्चों को बहुत ही रोचक ढंग से शिक्षा दी जाती है। इन बच्चों के लिए क्लास में लूडो, सांप सीढी, माथापच्ची जैसी खेलों की भी सुविधा उपलब्ध है, जिससे बच्चे स्कूल आने को प्रेरित हों और बच्चे जब पहली कक्षा में आएं तो उनमें शिक्षा प्राप्त करने की ऊर्जा और ललक पैदा हो।

स्कूल को बस, ट्रेन के रूप में पेंट किया गया 
इस स्कूल में बच्चों के लिए साफ पानी, स्वच्छ शौचालय, झूले और मैदान भी है। स्कूल में गांव का एक मानचित्र भी है। जिसके माध्यम से विद्यालय में बैठकर ही गांव के बारे में सारी जानकारी मिल जाती है। वहीं इस स्कूल के अध्यापकों ने बच्चों को आकर्षित करने के लिए स्कूल के एक हिस्से को ट्रेन के रूप में पेंट कराया है। वहीं जिले के लुआ गांव के सरकारी स्कूल को बस का रूप दिया गया है।

लोगों के सहयोग से स्कूल में बनाया गया बड़ा हॉल
वहीं इस स्कूल को जनपद के सर्वश्रेष्ठ स्कूल के पुरस्कार के रूप में 1 लाख 2 हजार रुपए की धनराशि मिली थी। जिसमें गांव के और सामाजिक लोगों के सहयोग से और धनराशि मिलाकर एक बड़ा हॉल बनाया गया। जिसमें बच्चे भोजन करते हैं और स्कूल के तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इसी हॉल में आयोजित होते हैं। यहां 100 फीसदी बच्चे आते हैं।

65 फीसदी स्कूलों को बहुत अच्छा कर दिया गया- डीएम बदायूं
डीएम बदायूं दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले में करीब 65 फीसदी स्कूलों को बहुत अच्छा कर दिया गया है। सभी स्कूलों के अध्यापक गांव के सहयोग और लोगों की मदद से अच्छा करने का स्वयं प्रयास कर रहे हैं।
 

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