Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 12:31 PM
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में एक दलित की भूख से मौत का मामला सामने आया है। हालांकि जिला प्रशासन ने व्यक्ति की भूख से मौत की बात को नकार दिया है.......
बुंदेलखंडः उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में एक दलित की भूख से मौत का मामला सामने आया है। हालांकि जिला प्रशासन ने व्यक्ति की भूख से मौत की बात को नकार दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कई दिनों तक खाना न खाने से मौत होने की बात प्रमाणित हुई है।
जानकारी के मुताबिक घटना महोबा जिले के खन्ना एरिया के घंडुआ गांव की है। जहां के रहने वाले दलित मजदूर छुट्टन के पास कुछ बीघा जमीन थी, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वो इस साल अपना खेत नहीं जोत सका। छुट्टन और उसकी पत्नी ऊषा अपने 3 बच्चों और बूढ़ी मां के पालन-पोषण के लिए मनरेगा में मजदूरी करते थे।
मृतक की पत्नी का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से उनके घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था। उसका पति बीमार था, लेकिन मनरेगा की मजदूरी न मिलने की वजह से वह उसका इलाज तक नहीं करा सकी और भूख व इलाज के अभाव में पति की मौत हुई है।
वहीं यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे नरैनी क्षेत्र क्षेत्र के पूर्व विधायक गयाचरण दिनकर ने कहा कि योगी सरकार भूख से दलितों की मौत और ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत को तवज्जो नहीं देती।