Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 03:11 PM
इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा में प्रदेश सरकार द्वारा काफी सख्ती की गई और काफी सावधानी भी बरती गई। इसके बाद अब यूपी बोर्ड का सिलेबस बदलने की भी तै...
लखनऊः इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा में प्रदेश सरकार द्वारा काफी सख्ती की गई और काफी सावधानी भी बरती गई। इसके बाद अब यूपी बोर्ड का सिलेबस बदलने की भी तैयारी शुरु हो गई है। इस बारे में डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ही प्रदेश सरकार ने अगले शैक्षणिक सत्र से यूपी बोर्ड में एनसीईआरटी की पुस्तकों को लागू करने का फैसला किया है।
डिप्टी सीएम लखनऊ में मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से यूपी बोर्ड के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकों को लागू करने से छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। वे अन्य छात्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकेंगे। डिप्टी सीएम ने यह भी माना कि सरकार के सख्ती के कारण इस वर्ष लगभग 10 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी।
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पर नकल विहीन परीक्षा कराने का भारी दबाव था, जिसमें सरकार सफल भी हुई है। डिप्टी सीएम ने कहा कि पहले की सरकारों में बोर्ड परीक्षाएं दो से ढाई महीने तक चलती थी, लेकिन वर्तमान सरकार बनने के बाद हमने इसे एक महीने के भीतर संपन्न कराने का प्रयास किया। हम अगले वर्ष परीक्षाओं को 15 दिन के ही भीतर कराने का प्रयास करेंगे।
डिप्टी सीएम ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के बजट की आलोचना वह लोग कर रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में नौजवानों व किसानों के हित के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट में हर वर्ग के लिए भरपूर दिया है। सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और पूर्वाचल एक्सप्रेस वे के लिए धन की व्यवस्था की है।