सुभासपा के तल्‍ख तेवर : राज्‍यसभा चुनाव में भाजपा के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 12:42 PM

उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में हुई पराजय के बाद सत्तारूढ़ भाजपा को सूबे की 10 सीटों के लिए इस हफ्ते होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा के साथ मिलकर पिछला विधानसभा चुनाव लडऩे वाली...

लखनऊः उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव में हुई पराजय के बाद सत्तारूढ़ भाजपा को सूबे की 10 सीटों के लिए इस हफ्ते होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। भाजपा के साथ मिलकर पिछला विधानसभा चुनाव लडऩे वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के चार विधायक आगामी राज्यसभा चुनाव में भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं। प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में अपने संख्या बल के आधार पर भाजपा 10 में से 8 सीटें आसानी से जीत सकती है, मगर उसने अपना नौवां प्रत्‍याशी भी खड़ा किया है। 

वहीं, सपा और बसपा बाकी दो सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त हैं। कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अगर आगामी 23 मार्च को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करती है, तो सत्तारूढ़ दल को अपना नौवां प्रत्याशी जिताने के लिए मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने प्रैस वार्ता में कहा कि हम अभी से कैसे बता सकते हैं कि अगले राज्यसभा चुनाव में हम भाजपा को वोट देंगे या किसी अन्य पार्टी को। हमने अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है।’’  

बता दें कि इससे पहले कई मौकों पर सरकार के प्रति नाराजगी जता चुके राजभर ने कहा, हालांकि हम अभी भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या भाजपा ने राज्यसभा और गोरखपुर तथा फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी तय करने से पहले हमसे कोई सलाह ली थी?’’ राजभर ने कहा कि भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए, लेकिन क्या तब उसने गठबंधन धर्म निभाया? यहां तक कि लोकसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने अपने सहयोगी दलों से यह नहीं पूछा कि उपचुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी?  उन्‍होंने यह भी कहा कि जब तक भाजपा का कोई नेता उनसे नहीं पूछेगा तब तक बात आगे नहीं बढ़ेगी।      

राजभर ने कहा कि प्रत्याशी तय करना भाजपा का काम है, लेकिन एक शिष्टाचार के नाते उसे कम से कम एक बार तो पूछना ही चाहिए कि क्या कोई सहयोगी दल चुनाव प्रचार में उसके साथ आना चाहेंगे, मगर भाजपा के किसी भी नेता ने हमसे यह नहीं पूछा। अब ऐसे हालात में हम यह कैसे कह सकते हैं कि हम राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देंगे या किसी अन्य पार्टी को। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजभर ने इस सवाल पर कि क्या उनकी पार्टी के विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे, कहा कि हम भाजपा के साथ गठबंधन में हैं और अगर वह गठबंधन धर्म नहीं निभाती है तो क्या हमें उसके साथ जाना चाहिए? राजभर ने कहा कि गोरखपुर में हाल में हुए लोकसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी भाजपा को कम से कम 30,000 वोट दिलवा सकती थी, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा की नजर में हमारी कोई उपयोगिता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा की जा रही है और यह सिलसिला जारी है। 

इस बीच प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की नाराजगी पर कहा कि भाजपा के सभी सहयोगी दल उसके साथ हैं और वह आश्वस्त हैं कि राज्यसभा चुनाव के दौरान वे भाजपा प्रत्याशियों को वोट देंगे। गठबंधन मजबूत है और सारे सहयोगी दल भाजपा के साथ खड़े हैं। शुक्ला ने विश्वास जताया कि राज्यसभा चुनाव के लिए खड़े भाजपा के सभी प्रत्याशी जीत हासिल करेंगे। 


 

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