Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 03:12 PM
बीएचयू में छात्राओं पर गत 23 सितंबर को हुए लाठीचार्ज के बाद आज पहली बार खुले विश्वविद्यालय....
वाराणसीः बीएचयू में छात्राओं पर गत 23 सितंबर को हुए लाठीचार्ज के बाद आज पहली बार खुले विश्वविद्यालय परिसर में रौनक लौट आई है। दरअसल बीएचयू में हुए बवाल के बाद दशहरा की छुट्टियां 25 सितंबर से घोषित कर दी गई थी, लेकिन आज विश्वविद्यालय फिर खुल गया है।
विश्वविद्यालय परिसर में लौट आई रौनक
बता दें कि छात्राएं अपने घरों से हॉस्टल में वापस आ गई हैं। छेड़छाड़ की घटना के खिलाफ पिछले महीने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से निपटने के तरीकों की आलोचना झेल रहे कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी निजी कारणों का हवाला देते हुए अनश्चितकालीन छुट्टी पर चले गए है। उनका कार्यकाल 30 नवंबर तक है।
अनश्चितकालीन छुट्टी पर चले गए कुलपति
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर त्रिपाठी को वर्ष 2014 में 3 साल के लिए बीएचयू का कुलपति नियुक्त किया गया था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय छेड़छाड़ की घटना के बाद पूरे मामले से निपटने के उनके तरीके से केंद्र सरकार खुश नहीं था। वहीं दूसरी ओर मानव संसाधन विकास के अधिकारियों का कहना है केन्द्र सरकार ने कुलपति को छुट्टी पर जाने को नहीं कहा था। यह उनका निजी फैसला है।
छात्राओं ने किया था धरना-प्रदर्शन
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय की छात्राओं के साथ परिसर में अज्ञात लोगों द्वारा छेड़खानी की गई थी। इस मामले में बीएचयू प्रशासन के टालमटोल रवैये के खिलाफ छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन किया। छात्राओं से कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने बातचीत करने की कोशिश की थी, लेकिन बातचीत विफल होने से आंदोलनकारी नाराज हो गए।
दवाब के बाद कुलपति ने की थी छात्राओं से मुलाकात
छात्राएं प्रो. त्रिपाठी से धरना स्थल पर बातचीत करना चाहती थीं, जिसे सुरक्षा कारणों से विश्वविद्यालय प्रशासन शुरू में अस्वीकार कर दिया था। भारी दबाव के बाद कुलपति अपने आवास के पास स्थित त्रिवेणी संकुल छात्रावास के पास छात्राओं से मिलने जा रहे थे। इसी दौरान छात्र-छात्राओं की भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने उनके खिलाफ नारेबाजी और धक्कामुक्की कर दी, जिससे नाराज कुलपति अपने आवास पर लौट गए।
पुलिस ने किया था लाठीचार्ज
आंदोलनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और लगभग 40 राउंड हवाई फायरिंग की थी। इस वजह से वहां हालात और बिगड़ गए थे। धरने पर बैठीं छात्राओं के साथ छात्र भी कुलपति आवास का घेराव करने जा रहे थे, जिन्हें बीएचयू के सुरक्षाकर्मी एवं पुलिसकर्मियों ने रास्ते में ही रोकने की कोशिशें की, लेकिन वे नहीं माने।
अपने-अपने घरों को चले गए थे छात्र
जिसके बाद पुलिस एवं आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दशहरे की छुट्टिया घोषित कर दी थी। छुट्टियां घोषित हो जाने से हॉस्टल में रह रही छात्र- छात्राए अपने-अपने घरों को चले गए थे।