STF के हाथ लगी बड़ी सफलता, 50 हजार का कुख्यात इनामी गिरफ्तार

Edited By ,Updated: 27 Apr, 2017 01:59 PM

stf hands on big success  50 thousand infamous prize arrests

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएस) ने 50-50 हजार रूपए के इनामी दस्यु सरगना गौरी यादव एवं....

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएस) ने 50-50 हजार रूपए के इनामी दस्यु सरगना गौरी यादव एवं गोप्पा यादव गिरोह के वांछित इनामी दुर्दान्त डकैत भइयन को चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया है।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि उसके पास से एक राइफल ,बडी संख्या में कारतूस और 2 मोबाइल फोन के अलावा कुछ नगदी भी बरामद की गई। पुलिस को काफी समय से इस वांछित डकैत की तलाश थी । उसके खिलाफ 12 संगीन मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि विगत कई सालों से चित्रकूट, बांदा तथा आसपास के जिलों में दस्यु सरगना गौरी यादव और गोप्पा यादव की बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी के निर्देशन और एसटीएफ की इलाहाबाद फील्ड इकाई के पुलिस उपाधीक्षक प्रवीन सिंह चौहान की टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

पाठक ने बताया कि निरीक्षक अतुल कुमार सिंह के नेतृत्व में जब एसटीएफ की टीम चित्रकूट में गश्त कर रही थी तभी पता चला कि 50-50 हजार रूपए के इनामी अपराधी दस्यु सरगना गौरी यादव और गोप्पा यादव गिरोह का सक्रिय सदस्य और चित्रकूट तथा मध्य प्रदेश में अनेक मामलों में वांछित 12 हजार का इनामी डकैत भइयन किसी संगीन वारदात को अंजाम देने के इरादे से बृहद गांव लौरी के पास अपने कुछ साथियों से मिलने आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने स्थानीय रैपुरा थाने की पुलिस के सहयोग से घेराबन्दी कर डकैत को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ पर गिरफ्तार भइयन ने बताया कि उसे अपराध जगत में आने की प्रेरणा दस्यु सरगना शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ तथा अम्बिका पटेल उर्फ ठोकिया से मिली थी। वह अपने शौक पूरा करने के लिए पैसे के लालच में प्रारम्भ में छोटे-मोटे अपराध करता था लेकिन बाद में वह खड्ग़ सिंह यादव गिरोह में शामिल हो गया। वर्ष-2009 में खडग़ सिंह के न्यायालय में आत्मसमर्पण करने के बाद वह भी न्यायालय में हाजिर हो कर बांदा जेल में बंद रहा था। जेल से जमानत पर छूटने के बाद वह वर्ष 2013 में गौरी यादव गिरोग में शामिल होकर अपराध करने लगा तथा उसका दाहिना हाथ एवं सक्रिय सदस्य बन गया। तभी से वह फरार चल रहा था।

वर्ष 2013 में दिल्ली पुलिस के एक दरोगा से हुई कहासुनी में गोली चल गयी थी, जिसमें दरोगा की मृत्यु हो गई थी और घटना में गौरी यादव के साथ साथ उसके विरूद्ध भी मुकदमा दर्ज हो गया था। वर्ष 2014 में पुलिस के मुखबिर धर्मेन्द्र पाण्डेय और हरिश्चन्द्र पटेल की हत्या में भी वह शामिल रहा था। वर्ष-2015 में गौरी यादव ने बिलहरी निवासी लवलेश यादव का अपहरण कर हत्या कर दी थी। इस घटना में भी उसे नामजद किया गया था।

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