Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 11:06 AM
बसपा से निष्कासित पूर्व कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा के अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी से निष्कासन पर कहा कि...
गोरखपुरः बसपा से निष्कासित पूर्व कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा के अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पार्टी से निष्कासन पर कहा कि उन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें पार्टी से क्यों निकाल दिया गया। उनके ऊपर आरोप क्या है। उन्होंने मायावती से पूछा उन्हें सजा-ए-मौत दे दी गई। उन्होंने कत्ल किसका किया था यह भी बता दें। वह शहर के हजरत मुबारक खां शहीद दरगाह पर कौमी एकता कमेटी की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत करने आए थे
किससे पैसे मांगे थे, गवाह पेश करें
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि किसी को समझ में ही नहीं आया कि ऐसा क्यों किया गया। जब उनसे सवाल किया गया कि उन पर पैसे मांगने का आरोप लगा था तो उन्होंने कहा कि किससे पैसे मांगे थे। एक भी गवाह पेश करो। उन्होंने कहा कि आप किसी पर आरोप लगाएंगे कि आपने इसका कत्ल किया है। तो आप यह तो बताएंगे कि आपने किसका कत्ल किया है।
उल्टा मायावती मांग रही थी पैसे
नसीमुद्दीन यहीं चुप नहीं रहे। पार्टी छोड़ चुके कई अन्य दिग्गज नेताओं की तरह उन्होंने मायावती पर ही पैसे मांगने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पैसे तो उल्टा वो मांग रही थीं। मैं कहां मांग रहा था। उनके साथ इंसाफ हुआ है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इंसाफ नाम की चीज है कहां। उन्होंने कहा कि बीएसपी में इंसाफ नाम की कोई चीज नहीं है। बीएसपी डूबता हुआ जहाज है।
योगी सरकार को क्लीन चिट
अखिलेश सरकार में गड्ढायुक्त सड़कें और अपराध को खत्म करने के योगी सरकार के दावे के पूरे नहीं होने पर उन्होंने योगी सरकार को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार को 6 माह का वक्त मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि छह महीना पूरा होने पर वह इस पर बोलेंगे। उन्हें छह महीने का समय देना चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव पर बोले नसीमुद्दीन
राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के नाम पर उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी नहीं बनाई है। उन्होंने राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा बनाया है। जब पार्टी बनाएंगे तो आपको बता देंगे। भाजपा के दलित कार्ड खेलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी और कैंडीडेट सामने आने दीजिए। सभी कैंडीडेट आने के बाद ही बोलेंगे। नीतीश और मुलायम के समर्थन पर उन्होंने कहा कि यह उनकी मर्जी है। हर आदमी स्वतंत्र है। उन्होंने कुछ सोचकर ही समर्थन किया होगा।
निकाय चुनाव लड़ने के दिए संकेत
निकाय चुनाव में समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव की डेट आ जाने दीजिए। अभी हम समर्थन करेंगे कि खुद लड़ेंगे। अभी एक बार हुआ कि जून में होने वाला है। फिर जुलाई और फिर जनवरी, फिर फरवरी में चला गया, होगा कि नहीं होगा डेट आने दीजिए।
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