यूं ही नहीं दिया सपा ने किन्नर गुलशन को अयोध्या का टिकट, जानिए क्या है वजह?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 03:58 PM

sp give ticket to kinnar gulshan ayodhya know what is reason

यूपी निकाय चुनाव प्रदेश की सत्तारुढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के लिए कांटे की टक्कर मानी जा रही है। इसी बीच समाजवादी पार्टी ने तो पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। वहीं बीजेपी का इस पर मंथन अभी जारी है। चुनावी...

लखनऊ/अयोध्याः यूपी निकाय चुनाव प्रदेश की सत्तारुढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के लिए कांटे की टक्कर मानी जा रही है। इसी बीच समाजवादी पार्टी ने तो पहले चरण के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। वहीं बीजेपी का इस पर मंथन अभी जारी है। चुनावी हलचलाें के बीच जाे सबसे खास बात है वाे अयोध्या-फैजाबाद की सीट जहांं से सपा ने किन्नर को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है।

जानिए सपा ने क्यों चुना है गुलशन बिंदू को 
आलम यह है कि जब से पार्टी ने किन्नर के प्रत्याशी होने की घोषणा की है, सबमें उसकी वजह और उनके बारे में जानने की उत्सुक्ता भी बढ़ गई है। दरअसल समाजवादी पार्टी ने अयोध्या नगर पालिका चुनाव में गुलशन बिंदू को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने बीते दिन प्रदेश के 16 नगर-निगमों से 7 मेयर पद के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। वहीं पहली लिस्ट में शामिल में हैं गुलशन किन्नर।

गुलशन की अयोध्या में है खास पहचान
बता दें पहली बार अयोध्या-फैजाबाद से सपा प्रत्याशी के रूप में सामने आने वाली किन्नर गुलशन बिंदु की पहचान अयोध्या में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में है। यह पहला मौका नहीं है, जब बिंदु चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने जा रही हैं। इससे पहले वह विधायकी और पालिका अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि दोनों ही बार उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उनके चुनाव लड़ने से सियासी गणित जरूर बिगड़ा।

पहले भी हुआ है सपा को फायदा
साथ ही साथ यह भी बताते चले कि सपा का साथ भी उन्हें यूं ही नहीं मिला है। गौरतलब है कि 2012 के विधान सभा चुनाव में गुलशन बिंदु के मैदान में उतरने का फायदा सपा के प्रत्याशी तेज नरायण को मिला था। बिंदु को करीब 22 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।

उन्होंने 5 बार से बीजेपी के विधायक रहे लल्लू सिंह को हरा दिया था। माना जा रहा था कि किन्नर बिंदु ने लल्लू सिंह के वोटों में सेंध लगा दी। इसका फायदा सपा को मिला। इस बार सपा का साथ मिलने की एक वजह यह भी मानी जा रही है।

तीसरी बार चुनावी मैदान में गुलशन
वहीं यह तीसरा मौका है जब बिंदु एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। इस बार उन्हें साइकिल का साथ भी मिला है। संभव है अयोध्या में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी छवि और समाजवादी पार्टी का साथ अन्य दलों के प्रत्याशियों के लिए एक कड़ी चुनौती साबित होगा।

कौन हैं किन्नर गुल
दिल्ली के एक ब्राह्मण परिवार में जन्मी 40 वर्षीय किन्नर बिंदु मूलरूप से बिहार के सीतामणि की रहने वाली हैं। इस वजह से वह कहतीं हैं कि वह सीता के मायके से हैं, और फिलहाल अपने जीजा (राम) (अयोध्या) के यहां हैं। पांच साल की उम्र में किन्नर समाज ने उन्हें गोद ले लिया। लंबे समय तक दिल्ली में रहने के बाद उन्होंने अयोध्या का रुख किया और अपने पेशे से अलग लोगों की सेवा करने का बीड़ा उठाया।

घर-घर में है इनकी पहचान
अयोध्या में शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां बिंदु के पैर न पड़े हों। राजनैतिक दलों के महंगे विज्ञापनों के जरिए प्रचार करने से इतर बिंदु घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनती हैं। इसी वजह से उनकी छवि पूरे अयोध्या फैजाबाद में एक नेता के बजाए समाजिक कार्यकर्ता के रूप में है। 

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