Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 02:58 PM
यूपी सरकार ने विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपए का बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपए की नई...
लखनऊ: यूपी सरकार ने विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपए का बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपए की नई योजनाओं के प्रस्ताव किए हैं। यह उनका दूसरा बजट है। बजट प्रस्तावों में राजकोषीय घाटा 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपए और अंतिम शेष एक हजार 284 करोड़ 23 लाख होना अनुमानित है।
जानकारी के अनुसार बजट में किसानों के लिए कई योजनाएं घोषित की गई हैं। मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के क्रियान्वयन के लिए 42 करोड़ 49 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की योजना के लिए 100 करोड़, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए 31 करोड़ रुपए, किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए अनुदान योजना के तहत 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
बजट में बुंदेलखंड क्षेेत्र में खेत तालाब योजना के तहत 5 हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया हैै। सोलर फोटो वोल्टाइक सिंचाई पम्पों की स्थापना के लिए 131 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में 581 लाख 60 हजार मैट्रिक टन खाद्य तथा 11 लाख 28 हजार मैट्रिक टन तिलहन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार ‘स्प्रिंकलर सिंचाई योजना’ के तहत किसानों को सब्सिडी के लिए 24 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। शरदकालीन गन्ना बुवाई के लिए 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को 80 लाख कुंतल उन्नत किस्म का गन्ना बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
बजट में पं. दीन दयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के लिए 75 करोड़ रुपए, विकास खंड़ों में पशु आरोग्य मेले के आयोजन के लिए 15 करोड़ रुपए की तथा राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपए, पशु आरोग्य एवं नस्ल में सुधार के लिए 27 करोड़ रुपए तथा डेयरी विकास फंड की स्थापना के लिए 15 करोड़ रुपए, दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने केेे लिए ‘नन्द बाबा पुरस्कार एवं गोकुल पुरस्कार’ के लिए एक करोड़ 6 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। मछुआरों के कल्याण के लिए मत्स्य पालक कल्याण फंड की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।