Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 08:42 AM
पीआरवी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने ऐसी मिसाल पेश कर दी कि जिसने भी सुना उसकी आंखें भर आईं। उसके जज्बे को सभी ने सैल्यूट किया। बेटी की मौत की खबर मिलने के बाद भी ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ने पहले सड़क पर पड़े घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया, जिससे समय...
सहारनपुर: पीआरवी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने ऐसी मिसाल पेश कर दी कि जिसने भी सुना उसकी आंखें भर आईं। उसके जज्बे को सभी ने सैल्यूट किया। बेटी की मौत की खबर मिलने के बाद भी ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ने पहले सड़क पर पड़े घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया, जिससे समय रहते उसकी जान बच गई।
थाना रामपुर में पीआरवी पुलिस वाहन पर तैनात एचसीपी भूपेंद्र सिंह ड्यूटी पर थे तो अचानक मोबाइल फोन पर उन्हें सूचना मिली कि जिस बिटिया को एक वर्ष पहले ही उन्होंने डोली में बिठाकर विदा किया था, वह अब इस दुनिया में नहीं रही। एक पिता के लिए यह ऐसी खबर थी कि 2 पल के लिए सांसें भी रुक जाएं लेकिन जिस समय भूपेंद्र सिंह तोमर को यह खबर मिली उस समय वह केवल पिता नहीं थे, एक जिम्मेदार पुलिसकर्मी भी थे।
तोमर उस समय यूपी-100 की ड्यूटी कर रहे थे और एक पीआरवी की जिम्मेदारी उन पर थी जो घायल की मदद के लिए सड़क पर दौड़ रही थी। इस पीआरवी को सूचना मिली थी कि रामपुर मनिहारान थाना क्षेत्र में एक आदमी घायल पड़ा हुआ है, जिसका काफी खून बह चुका है लेकिन सांसें चल रही हैं। भूपेंद्र सिंह बेटी की मौत की खबर सुनकर सहम से गए और उन्होंने बिना कुछ बोले कॉल काट दी।
पहला फर्ज ड्यूटी, वह भी किसी का बेटा है : तोमर
तोमर के बराबर में बैठे साथी को भी इस संबंध में पता चला तो उसने एचसीपी भूपेंद्र तोमर को घर जाने के लिए कहा लेकिन तोमर ने दुख की इस घड़ी में भी धैर्य नहीं खोया और ड्यूटी को पहला फर्ज बताते हुए नम आंखों से कहा कि मेरी बेटी तो अब इस दुनिया में नहीं रही, लेकिन जो आदमी रास्ते में खून से लथपथ पड़ा है वह भी किसी का बेटा है और हम उसकी जान बचा सकते हैं। इसलिए मेरे लिए इस समय पहला फर्ज ड्यूटी है।
एम्बुलेंस का भी नहीं किया इंतजार
भूपेंद्र सिंह ने एम्बुलेंस का भी इंतजार नहीं किया और अपनी गाड़ी में घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद घायल को चिकित्सकों ने हायर सैंटर रैफर कर दिया। इसके बाद भूपेंद्र सिंह घायल को सहारनपुर के एक अस्पताल लेकर पहुंचे और इस तरह अपना फर्ज पूरा करते हुए उन्होंने एक जान बचा ली।