Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 12:06 PM
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर व बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर पूरे देश की राजनीति गरमाई हुई है। जिसके चलते सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी राय दे दी है। लेकिन फिर भी विवाद का...
लखनऊः उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर व बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर पूरे देश की राजनीति गरमाई हुई है। जिसके चलते सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी राय दे दी है। लेकिन फिर भी विवाद का निपटारा नहीं हो रहा है। कोई राम मंदिर बनाने के पक्ष में है तो कोई इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। इस क्रम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से निष्कासित हुए मौलाना सलमान नदवी ने एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद का एक सौहार्दपूर्ण निपटारा हिंदू-मुस्लिम शांति और एकता के लिए जरूरी है।
उन्होंने कहा कि वह कट्टरपंथी और कट्टरवाद के साथ नहीं हैं। बल्कि उन लोगों के साथ हैं जो एकता चाहते हैं। साथ ही हैदराबाद में AIMPLB के 26वें सत्र से लखनऊ लौटने के बाद नदवी ने आरोप लगाया कि कट्टरपंथियों ने बोर्ड का अपहरण कर लिया है, जिसकी वजह से उन्होंने अयोध्या विवाद पर बोर्ड की राय से किनारा करना बेहतर समझा। मौलाना नदवी ने कहा AIMPLB और अयोध्या विवाद पर कट्टरपंथियों ने कब्जा कर लिया है, इसलिए मैं बोर्ड से खुद दूर हो गया और दूर कर दिया गया। 25 साल में अदालत कुछ नहीं कर सकी। इसलिए शांति और एकता के लिए अदालत से बाहर फैसला करना बेहतर है।
उल्लेखनीय है कि मौलाना नदवी ने बाबरी मस्जिद को अयोध्या में विवादित स्थल से हटा लेने की बात कही थी। इस टिप्पणी पर AIMPLB की तरफ से तुरंत प्रतिक्रिया आई, जिसमें कहा गया कि मस्जिद के लिए समर्पित जमीन बेची, हटाई या किसी को तोहफे में नहीं दी जा सकती। जिसके बाद मौलाना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कहा कि आखरी बार मुसलमानों ने 1949 में जब बाबरी मस्जिद में नमाज अदा की थी, तब से ही वह मस्जिद को स्थानांतरित करने और देश को अधिक लड़ाई झगड़ों से बचाने का उपाय सुझा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि मैं पिछले 40 सालों से धर्मशास्त्र का शिक्षक रहा हूं और इस तरह की विवादित स्थिति के लिए शरीयत में मौजूद कानून की बात कर रहा हूं। अब कोर्ट को चाहिए कि आगे के लिए सुनिश्चित करे कि कोई किसी के धार्मिक स्थल के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा, जिससे यह मामला निपटे और भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा ना हो। साथ ही वह साधु-संतों के साथ अगली मीटिंग अयोध्या में करेंगे।