मनमाने आदेश देने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी: हाईकोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 01:39 PM

responsibility for arbitrary ordering officers will be decided hc

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को जनहित गारण्टी अधिनियम 2011 के तहत 14 दिसम्बर तक जवाब देने का समय दिया है....

इलाहाबादः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को जनहित गारण्टी अधिनियम 2011 के तहत 14 दिसम्बर तक जवाब देने का समय दिया है। जिसमें कोर्ट ने राज्य में मनमाने फैसलों के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने व उनसे हर्जाना वसूलने के उक्त अधिनियम को लागू कर रिपोर्ट मांगी है।

दरअसल यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने 10 साल से पेंशन व सेवानिवृत्ति परिलाभों के लिए संघर्ष कर रही राम दुलारी की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अधिकारियों की मनमानी के चलते वादकारी को परेशान किया जा रहा है। कोर्ट के निर्देश पर मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि जनहित गारण्टी अधिनियम के तहत 49 विभागों के लोक सेवा प्रबंधन विभागों में अपीलीय अधिकारियों की नियुक्ति का ब्योरा प्राप्त हुआ है।

वहीं 43 विभागों को ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें एक माह का समय लग सकता है। सूचना मिलने पर शीघ्र ही अधिनियम के तहत त्रिस्तरीय अपीलीय अधिकारियों की तैनाती कर दी जाएगी। मुख्य सचिव ने बताया कि अधिनियम की धारा 7(10) के अंतर्गत नियम या रेग्यूलेशन अभी तक नहीं बनाए जा सके हैं। अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने कोर्ट से समय मांगा और कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में गंभीरता से विचार कर रही है। प्रमुख सचिव विधि ने भी हलफनामा दाखिल कर कहा कि मुख्य सचिव से विमर्श कर शीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी। 
 

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