Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 01:25 PM
अयोध्या विवादित स्थल भूमि के विवाद में बुधवार उच्चतम न्यायालय में शुरू होने वाली डे टू डे सुनवाई से पहले ही निर्मोही अखाड़ा और बाबरी मस्जिद पक्षकार का बड़ा बयान सामने आया है। बाबरी माजिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने डे टू डे सुनवाई से पहले यह साफ कर...
अयोध्या( अभिषेक सावन्त):अयोध्या विवादित स्थल भूमि के विवाद में बुधवार उच्चतम न्यायालय में शुरू होने वाली डे टू डे सुनवाई से पहले ही निर्मोही अखाड़ा और बाबरी मस्जिद पक्षकार का बड़ा बयान सामने आया है। बाबरी माजिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने डे टू डे सुनवाई से पहले यह साफ कर दिया है कि मंदिर-मस्जिद मसले का हल सुलह समझौते से निकाला जा सकता है।
रेडियों टेलीविजन पर करते हैं लोग बात- इकबाल अंसारी
इक़बाल अंसारी ने कहा कि सुलाह के दरवाजे आज भी खुले हुए हैं, लेकिन कोई भी हिन्दू पक्षकार आजतक उनसे मिलने नहीं आया ऐसे में सुलाह कौन करेगा और किससे करेगा। साथ ही कहा कि सुलह के लिए हम किससे बात करें किस पक्षकार को सुलाह करने के लिए खोजने जाए। वहीं उन्होंने कहा कि केवल रेडियो टेलीविजन पर लोग अपनी अपनी बात कहते हैं। सुलह के लिए पक्षकारों को घर आ कर मिलना चाहिए। इक़बाल अंसारी का बयान इसलिए भी अहम माना जा सकता है क्योंकि बीते दिनों सुन्नी बक्फ की बैठक में सुलह समझौते की पहल को एक सिरे से नकार चुके इक़बाल अंसारी ने दोनों पक्षकारों को साथ बैठकर सुलह की बात को हवा दे दी है।
सुलह के नाम पर होती है राजनीति
बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुनवाई से पहले यह भी कहा कि मंदिर-मस्जिद में बाहर से सुलह करने वाले लोग राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने बाहर के लोगों को किनारे का रास्ता दिखाने का इशारा दिखाते हुए कहा कि नेताओ को मंदिर-मस्जिद मुद्दे में बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।
राम लला जहां विरजमान थे वहीं है और वहीं रहेंगेः-निर्मोही अखाड़ा
वहीं निर्मोही अखाड़ा के पक्षकार महंत दिनेन्द्रदास ने बाबरी मस्जिद पक्षकार इक़बाल अंसारी के बयान का तो स्वागत किया है, लेकिन यह भी कहा है कि सुलह समझौते की पहल की बात सुन्नी बक्फ बोर्ड भी कहे। महंत ने आगे कहा कि इकबाल अंसारी का जन्मस्थान भी अयोध्या है और वह बाल्यकाल से श्री राम को अयोध्या में देख रहे है। तो ऐसे में इक़बाल अपनी कमेटी से भी बातचीत कर ले। उन्होंने कहा कि राम लला जहां विरजमान थे वहीं हैं और वहीं रहेंगे। सुलह में मस्जिद की जगह अयोध्या के विद्याकुण्ड के पास की जमीन पर बनाने पर सुलह हो सकती है । साथ ही उन्होंने कहा कि सुलह समझौता से अयोध्या ही नही देश मे शांति कायम होगी।