Edited By ,Updated: 06 Dec, 2016 03:29 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासन का दंश झेलकर चंद दिनों पहले वापसी करने वाले पार्टी महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने का अधिकार अब भी उनके पास है।
इटावा: समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासन का दंश झेलकर चंद दिनों पहले वापसी करने वाले पार्टी महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने का अधिकार अब भी उनके पास है। प्रो. यादव ने यहां पत्रकारों से कहा कि सपा संसदीय दल के सेक्रेटरी होने के नाते विधानसभा उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप से फाइनल करने का संवैधानिक अधिकार मुझे प्राप्त है। इस नाते टिकट बंटवारे में अंतिम भूमिका मेरी ही होगी। प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर पार्टी महासचिव ने कहा कि इस बारे में नेता जी (मुलायम सिंह यादव) तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बहुत बार बोल चुके हैं। अब मेरी हैसियत नहीं कि इस पर मै कुछ बोलूं।
नोटबंदी के फैसले से किसान और मजदूर हो रहे तबाह
नोट बंदी के मामले में उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की दृष्टि से यह फैसला उचित नहीं है। नोट बंदी से तमाम कारखाने बंद हो रहे हैं, उद्योग धंधे चौपट हो रहे हैं। किसान, मजदूर इस फैसले से तबाह हो रहा है। आने वाले समय में नोटबंदी के दुष्परिणाम देश की जनता को भुगतने पड़ेगे। इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। तमाम लोगों का व्यवसाय चौपट होगा। मोदी सरकार का यह फैसला जनता एवं देश के हित में नहीं रहा। जनता के सामने भूखों मरने की नौबत होगी। देश में अव्यवस्था का खतरा उत्पन्न होगा।
समय पर चुनाव कराना केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकार में
सोना रखने की सीमा निर्धारित किए जाने की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी संभावना है किे गांव में सोने की जांच करने वाले आयकर दल पर गांव के लोग हमला करें। गांव में इनकम टैक्स वालों को पिटने से कोई नहीं बचा पाएगा। उन्होंने प्रदेश में विधानसभा चुनावों को आगे बढाए जाने की केंद्र की कोशिशों के बारे में पूंछे जाने पर कहा कि समय पर चुनाव कराना केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकार में आता है। इसमें केंद्र सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती। आखिरी काम उनका ही है।
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