Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 May, 2017 07:59 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद को एक तगड़ा झटका देते हुए....
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद को एक तगड़ा झटका देते हुए बसपा विधायक राजू पाल की एक दशक पहले की गई हत्या के मामले में उसकी जमानत रद्द कर दी।
न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा की एकल न्यायाधीश की पीठ ने राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की याचिका पर यह आदेश पारित किया। पूजा पाल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि जमानत पर जेल से बाहर रहते हुए अतीक ने इस मामले में कई गवाहों को धमकी देकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। अहमद, राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है और उसे अप्रैल, 2005 में जमानत दी गई थी।
गौरतलब है कि राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली कर हत्या कर दी गई थी। इस अदालत ने पूजा पाल की याचिका पर 29 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को हराकर इलाहाबाद पश्चिम सीट से विधायक बनने के महज तीन महीने बाद मार दिए गए युवा बसपा नेता राजू पाल की हत्या के मामले की उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
बताया जाता है कि शहर के आंचलिक इलाके में स्थित सैम हिगिनबाटम युनिवर्सिटी आफ एग्रिकल्चर, टेक्नोलाजी एंड साइंसेज (शुएट्स) के कर्मचारियों को पीटने के मामले में अतीक अहमद इस साल फरवरी से ही जेल में बंद है। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अतीक का गैर कानूनी तरीके से विश्वविद्यालय में प्रवेश पर आपत्ति की थी जिस पर अतीक अहमद ने अपने समर्थकों के साथ उनकी पिटाई की थी।