Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 07:28 AM
मेरठ शहर में आरएसएस से जुड़े पोस्टर का मामला अब थमता नजर आ रहा है। आरएसएस से जुड़े पोस्टर में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जिससे काफी विवाद पैदा हो गया था।
लखनऊ: मेरठ शहर में आरएसएस से जुड़े पोस्टर का मामला अब थमता नजर आ रहा है। आरएसएस से जुड़े पोस्टर में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जिससे काफी विवाद पैदा हो गया था।
जानकारी के अनुसार इस पोस्टर में वाल्मीकि, संत रविदास के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हुआ था। जिस पर दलित समाज ने विरोध प्रकट किया था। बता दें कि 25 फरवरी को मेरठ में संघ का बड़ा समागम होने जा रहा है। इसमें 3 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है। इसी कार्यक्रम के पोस्टर में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हुआ।
इसके बाद आरएसएस ने ऐसे सभी पोस्टर, यूनिपोल हटाने का ऐलान करते हुए कहा कि आरएसएस का इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। पोस्टर में बाबा साहब भीमराव अंबेदकर का चित्र अंकित किया गया था। इसके ऊपर लिखा था कि हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा वशिष्ठ जैसे ब्राह्मण, कृष्ण जैसे क्षत्रिय, हर्ष जैसे वैश्य और तुकाराम जैसे शूद्र ने की है, वैसी ही वाल्मीकि, चोखामैला और रविदास जैसे अस्पृश्यों ने भी की है।