Edited By ,Updated: 15 Jul, 2016 09:02 PM
प्रदेश में शिक्षण संस्थानों के साथ सार्वजनिक स्थल पर ही एक ओर जहां वाई-फाई की सुविधा मुफ्त दी जा रही है, वहीं इसका जमकर दुरुपयोग भी हो रहा है।
सहारनपुर/मेरठ(चन्द्र प्रकाश): प्रदेश में शिक्षण संस्थानों के साथ सार्वजनिक स्थल पर ही एक ओर जहां वाई-फाई की सुविधा मुफ्त दी जा रही है, वहीं इसका जमकर दुरुपयोग भी हो रहा है। ताजा मामला मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का है। जहां पर मुफ्त वाई-फाई 30 दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
मेरठ में विश्वविद्यालय ने शोध एवं पाठ्यक्रम से जुड़ी शैक्षिक सामग्री की आसान उपलब्धता कराने के उद्देश्य से इंटरनैट सेवा शुरू की थी। छात्रों ने इसका गलत उपयोग शुरू कर दिया। अभी तक विश्वविद्यालय में वाई-फाई के इस्तेमाल को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं था, जिस कारण से विश्वविद्यालय में आने वाला कोई भी शख्स पासवर्ड डालकर किसी भी वैबसाइट को खोल सकता था और डाऊनलोङ्क्षडग कर सकता है। इसका नतीजा यह हुआ कि जिस मकसद के लिए विश्वविद्यालय ने वाई-फाई की सेवा शुरू की थी वह फेल हो गया।
पोर्न वैबसाइट से डाऊनलोङ्क्षडग, सोशल साइट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुआ। इंटरनैट से गाने, मूवी भी छात्रों ने धड़ल्ले से डाऊनलोड की। पिछले दिनों भी वाई-फाई के गलत इस्तेमाल का मामला उठाया गया था। तब विश्वविद्यालय ने नैक निरीक्षण के कारण यह सुविधा बंद नहीं की थी। निरीक्षण के बाद वि.वि. ने इंटरनैट सेवा को लेकर सर्वे कराया। इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए जिसमें पोर्न साइट के तौर पर करीब 80 फीसदी इंटरनैट का प्रयोग किया गया। गाने, मूवी डाऊनलोङ्क्षडग भी खूब हुई। मजबूरन वि.वि. ने फैसला लिया कि इंटरनैट सेवा के इस्तेमाल पर कुछ प्रतिबंध लगाने होंगे।
रजिस्ट्रार दीपचंद ने बताया कि शैक्षिक सत्र 2016-17 से बेहतर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। पोर्न साइड को ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके साथ ही चुनिंदा सोशल साइट ही खोलने की इजाजत होगी, जो 24 घंटे में कुछ ही समय के लिए एक मोबाइलए टैब या फि र लैपटॉप पर खुल पाएगी। इस तरह की तमाम कंडीशन वाई-फ ाई यूज के लिए बनाने की तैयारी है।