Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 03:47 PM
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में निषाद और यादव मतदाताओं के साथ मुस्लिम मतों का विभाजन भी परिलक्षित होने लगा है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार मतों का यह विभाजन कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राह को आसान करेगा।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में निषाद और यादव मतदाताओं के साथ मुस्लिम मतों का विभाजन भी परिलक्षित होने लगा है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार मतों का यह विभाजन कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राह को आसान करेगा। इस सीट पर कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी (सपा) का गठबंधन नहीं है।
सपा ने निषाद और अन्य छोटे दलों के समर्थन से प्रवीण निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं कांग्रेस ने डा. सुरहीता करीम को मैदान उतारा है। राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि इस उपचुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार डा. करीम की उम्मीदवारी भाजपा की जीत में सहायक सिद्ध हो सकती है। इस संसदीय सीट पर लगभग 1 लाख मुस्लिम मतदाता है जो डा. करीम और प्रवीण निषाद के बीच विभाजित हो सकता है।
सपा उम्मीदवार को यादव मतों में बिखराव का भी सामना करना पड़ सकता है क्योंकि पिछले विधान सभा चुनाव में निषाद मतदाताओं ने सपा प्रत्याशी विजय बहादुर यादव को खुलकर समर्थन नहीं किया बल्कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद को मतदान किया था जिस कारण भाजपा को कड़ी टक्कर देने के वावजूद सपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर थे। अब यादव मतदाताओं ने इस चुनाव में पिछले चुनाव का बदला लेने का मन बना रखा है और वह यदि निषाद को समर्थन नहीं करते हैं तो यादव मतों का बिखराव होने से उसका फायदा भाजपा को ही मिलेगा।
गौरतलब है कि गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद रिक्त हुई इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है जिसका मतदान आगामी 11 मार्च को होगा।