Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 09:35 AM
देश में हालिया वक्त में हुए सबसे बड़े ट्रेन हादसों में एक पुखरायां रेल दुर्घटना से केन्द्र और उत्तर प्रदेश की आपातकाल में सहायता सुलभ कराने में लगने वाले समय के बारे में किए जाने वाले दावों की पोल खुल गई है।
कानपुर: देश में हालिया वक्त में हुए सबसे बड़े ट्रेन हादसों में एक पुखरायां रेल दुर्घटना से केन्द्र और उत्तर प्रदेश की आपातकाल में सहायता सुलभ कराने में लगने वाले समय के बारे में किए जाने वाले दावों की पोल खुल गई है।
हादसे 2 घंटे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस
सूबे की सरकार द्वारा कानपुर समेत राज्य के 11 जिलों में कल ही पुलिस के ‘एमरजैंसी रिस्पांस सिस्टम’ का उद्घाटन किया गया था। इसके बावजूद आज तड़के इन्दौर-राजेन्द्रनगर एक्सप्रैस के पुखरायां स्टेशन के निकट दुर्घटनाग्रस्त होने पर पुलिस की पहली टीम 2 घंटे के बाद मौके पर पहुंची जबकि रेलवे की टीम और देर से घटनास्थल पर आई। राहत का काम हादसे के करीब सवा 3 घंटे बाद सुबह करीब साढ़े 6 बजे ही शुरू हो सका। हालांकि इस बीच दुर्घटना के मद्देनजर मौके पर फंसे यात्री और ग्रामीण दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के पलटे हुए डिब्बों में फंसे लोगों की सहायता में जुटे रहे।
दुर्घटनास्थल पर एम्बुलैंस के साथ पुलिस टीमें पहुंची
उधर, कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक जकी अहमद ने सूचना मिलते ही स्थानीय थाने से पुलिस को रवाना किया। दुर्घटनास्थल पर एम्बुलैंस के साथ पुलिस टीमें तत्काल पहुंच गई थीं। कानपुर परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक राजेश मोटक ने बताया कि इस हादसे का वास्तविक कारण अभी पता नहीं चल सका है। उन्होंने कहा इस बात का अभी पता नहीं चल रहा है कि यह एक हादसा है अथवा किसी शरारत का नतीजा। असली वजह का पता जांच के बाद ही चल सकेगा।
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