कर्ज के बोझ तले दबे एक और किसान ने की आत्महत्या

Edited By ,Updated: 01 Jun, 2016 03:41 PM

overburdened by debt and farmer suicides

कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

मेरठ (आदिल रहमान): कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मेरठ के किठौर क्षेत्र में इसी तरह बैंकों के कर्ज तले दबकर एक युवा किसान ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
 
मेरठ के थाना किठौर क्षेत्र के भगवानपुर गांव के रहने वाले एक युवा किसान विकास चौधरी पर बताया जाता है कि बैंकों का काफी कर्ज हो गया था। जिसकी वजह से लगातार उस पर भुगतान करने का दबाव बनाया जा रहा था। ऐसे में विकास हिम्मत हार गया और उसने कजऱ्े के बोझ से बचने के लिए जहर खाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल मृतक विकास के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। 
 
जिम्मेदार कौन?
बहरहाल ये कोई पहला मामला नहीं जब कज़ऱ् में डूब कर किसान ने अपनी जान दी हो, लेकिन सवाल ये है की देश के अन्नदाता की इस हालत का जिम्मेदार कौन है, और किसानों की आत्महत्या का ये सिलसिला कब खत्म होगा?

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