Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2017 06:40 PM
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने राज्य की सत्ता में आने के 100 दिन के अंदर सूबे की करीब 63 प्रतिशत सड़कों....
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने राज्य की सत्ता में आने के 100 दिन के अंदर सूबे की करीब 63 प्रतिशत सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने का दावा करते हुए अपनी पीठ थपथपाई। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में कुल एक लाख 21 हजार 34 किलोमीटर सड़कें गड्ढायुक्त थी, जिनमें से 76 हजार 356 किलोकमीटर यानी 63 प्रतिशत सड़कें गड्ढों से मुक्त हो चुकी हैं। यह अपने-आप में एक रिकार्ड है।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 जून तक प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढामुक्त करने के आदेश दिए थे, मगर एेसा नहीं हो सका। इसके लिए कुछ तकनीकी कारणों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। मौर्य ने कहा कि जिन विभागों और योजनाओं की सड़कों को गड्ढामुक्त करने में सबसे ज्यादा सफलता मिली उनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 96 प्रतिशत, लोक निर्माण विभाग 82 फीसदी और राष्टीय राजमार्ग प्राधिकरण 81 प्रतिशत और भारतीय राज्यमार्ग 74 फीसदी शामिल हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले विभागों में सिंचाई विभाग शून्य प्रतिशती तथा पंचायती राज विभाग 9 फीसदी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हो पाई हैं। इसके पीछे नई खनन नीति तथा कुछ तकनीकी अड़चनें बताई जा रही है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने में कम से कम 2 महीने और लगेंगे। देश में सड़कों की खराब हालत के लिए प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए उपमुख्यमंत्री मौर्य ने आरोप लगाया कि पिछली सपा सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश 30 साल पिछड़ गया। राजनीतिक संकीर्णता की वजह से प्रदेश में केन्द्र की अनेक योजनाएं बंद कर दी गई। अनेक राज्यमार्गों को राष्टीय राजमार्गों में तब्दील किया जा सकता था, लेकिन एेसा नहीं हुआ।
कांग्रेस द्वारा अलीगढ़ में किसान पंचायत आयोजित किए जाने पर तंज करते हुए मौर्य ने कहा कि हम इटली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पैतृक देशी में पंचायत करेंगे। बहरहाल, 15 जून तक सभी सड़कें गड्ढामुक्त ना हो पाने को लेकर विपक्षी दलों को सरकार पर हमले का मौका मिल गया है। कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता को अब यह लगने लगा है कि इस सरकार ने उसके साथ छल किया है। राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दरअसल सांसद हैं और वे अपने लिए एक विधानसभा क्षेत्र भी नहीं चुन सकते। एेसे में गड्ढामुक्त सड़कें बनाने की बात करना फुजूल है।