Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 09:24 AM
छेड़छाड़ की कथित घटना के खिलाफ पिछले महीने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से निपटने के तरीकों को लेकर....
वाराणसी\नई दिल्ली: छेड़छाड़ की कथित घटना के खिलाफ पिछले महीने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों से निपटने के तरीकों को लेकर आलोचना का सामना कर रहे बीएचयू के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी निजी कारणों का हवाला देते हुए ‘अनश्चितकालीन छुट्टी’ पर चले गए। बीएचयू के अधिकारियों ने बताया कि त्रिपाठी ‘अनिश्चिकालीन अवकाश’ पर चले गए हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल 30 नवंबर तक है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर त्रिपाठी को साल 2014 में तीन साल के कार्यकाल के लिए बीएचयू का कुलपति नियुक्त किया गया था।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय सूत्रों ने संकेत दिया था कि कथित छेड़छाड़ की एक घटना के बाद बीएचयू के छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन करने सहित इस पूरे मामले से निपटने के उनके तरीके को लेकर केंद्र सरकार खुश नहीं है। वहीं, मंत्रालय अधिकारियों ने कहा है कि मंत्रालय ने कुलपति (वीसी) को छुट्टी पर जाने को नहीं कहा है और यह एक ‘निजी फैसला’ है। बीएचयू वीसी ने पिछले हफ्ते कहा था कि यदि मंत्रालय ने उनसे छुट्टी पर जाने को कहा तो वह इस्तीफा दे देंगे क्योंकि यह उनका अपमान होगा। हालांकि, त्रिपाठी को किए गए फोन कॉल और भेजे गए संदेश का कोई जवाब नहीं मिल पाया है।
नियमों के मुताबिक यदि कुलपति छुट्टी पर जाते हैं तो रेक्टर विश्वविद्यालय के प्रमुख के तौर पर काम करेंगे, जबकि रेक्टर की अनुपस्थिति में विवि के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) वीसी की भूमिका निभाएंगे। त्रिपाठी के छुट्टी पर रहने तक उनकी भूमिका निभाने वाले व्यक्ति पर एचआरडी मंत्रालय कोई फैसला करेगा। मंत्रालय ने उनके उत्तराधिकारी के लिए आवेदन मांगने वाला एक विज्ञापन पहले ही जारी कर दिया है।
पिछले महीने एक विरोध प्रदर्शन पर पुलिस लाठीचार्ज में कई विद्यार्थी घायल हो गए थे। घायलों में 2 पत्रकार भी शामिल थे। छात्र छात्राएं बीएचयू में छेड़छाड़ की एक कथित घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बीएचयू देश के 43 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक है। बीएचयू के चीफ प्रोक्टर ओएन सिंह ने विवि परिसर में हुई हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।