गर्भ में भ्रूण की जांच कराने वालों की अब खैर नहीं, पोल खोलेगी मशीन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 12:42 PM

now  those who investigate the fetus in the womb will open the pole machine

गर्भ में बेटियों की मौत के सौदागरों को अब बख्सा नहीं जाएगा। प्रदेश सरकार ने अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर शिकंजा कसने की योजना तैयार कर ली है....

लखनऊः गर्भ में बेटियों की मौत के सौदागरों को अब बख्सा नहीं जाएगा। प्रदेश सरकार ने अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर शिकंजा कसने की योजना तैयार कर ली है। वह गर्भ में बेटियों के हत्यारों पर नजर रखने के लिए 'मुखबिर' योजना के बाद सेंटरों पर ट्रैकर सिस्टम लगाने का इरादा कर रही है।

बता दें कि यूपी के कई जिलों में लिंगानुपात में काफी गिरावट आ रही है। वहीं अल्ट्रासाउंड सेंटरों में भ्रूण हत्या जैसे कुकर्म पर निगरानी रखना मुश्किल हो रहा है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने भ्रूण हत्या यां इसकी जांच पर नियंत्रण लगाने के लिए मुखबिर योजना को अपनाने का फैसला लिया है। इसके लिए लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम के तहत अल्ट्रासाउंड सेंटरों में ट्रैकर सिस्टम अनिवार्य किया जाएगा।

वहीं झांसी संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण डॉ. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर झांसी जिला प्रशासन ने आधा दर्जन निजी सेंटरों पर ट्रैकर सिस्टम लगवा दिए हैं। ऐसे में 4 माह पूर्व बलरामपुर अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. ऋषि कुमार, डफरिन अस्पताल की डॉ. संगीता श्रीवास्तव को तकनीक के अध्ययन के लिए झांसी भेजा गया था। रिपोर्ट मिलने पर पूरा प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेज दिया गया है।

विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रैकर अल्ट्रासाउंड मशीन में लगेगा। इसमें डाटा स्टोर की क्षमता होगी। साथ ही पेंशेंट रिकॉर्ड, मशीन के शुरु होने और बंद होने का समय, अल्ट्रासाउंड शरीर के किस अंग पर गया, यह दृश्य के साथ रिकॉर्ड होगी।

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