Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 10:46 AM
उत्तर प्रदेश के आगामी शहरी निकाय चुनावों के लिए सपा और कांग्रेस के बीच गठजोड़ के संकेत नहीं है। सपा और कांग्रेस ने पिछला यूपी विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। सपा प्रवक्ता सुनील...
लखनऊः उत्तर प्रदेश के आगामी शहरी निकाय चुनावों के लिए सपा और कांग्रेस के बीच गठजोड़ के संकेत नहीं है। सपा और कांग्रेस ने पिछला यूपी विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि चुनाव पूर्व का गठबंधन सिर्फ 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए था।
कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद हाल ही में अलीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान कह चुके हैं कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में उनकी पार्टी अकेले चुनाव मैदान पर उतरेगी। आजाद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया में साजन ने कहा कि हालात और मुद्दे तय करेंगे कि किसी तरह का चुनावी गठजोड़ किया जाए या नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ सपा का समन्वय अच्छा है और एक तरह से देखा जाए तो दोनों की विचारधारा भी काफी हद तक मेल खाती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम चुनावी गठजोड़ ही करें। हम शहरी निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे। स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना इसी महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। इस बीच भाजपा प्रवक्ता दिलीप श्रीवास्तव ने कहा कि विपक्ष के मतों में विभाजन से भाजपा को लाभ होगा।
उन्होंने विश्वास जताया कि शहरी निकाय चुनाव में भाजपा प्रभावशाली प्रदर्शन करेगी। आम आदमी पार्टी भी निकाय चुनाव मैदान में है। उसने लखनऊ नगर निगम चुनाव के लिए 19 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। लखनऊ महापौर पद के लिए उसने प्रियंकर महेश्वरी को उम्मीदवार घोषित किया है।