Edited By ,Updated: 14 Oct, 2016 03:04 PM
लंबे अरसे से उत्तर प्रदेश में अति पिछड़े बुंदेलखंड के महोबा में अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) की मांग कर रहे बुंदेली समाज के...
महोबा: लंबे अरसे से उत्तर प्रदेश में अति पिछड़े बुंदेलखंड के महोबा में अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) की मांग कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित रैली से ठीक पहले भूख हड़ताल पर बैठने के एलान से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के माथे की सिलवटें गहराने लगी हैं। मोदी 24 अक्टूबर को यहां आयोजित रैली को संबोधित करेंगे।
मांगों को लेकर पीएम को भेजे डेढ़ करोड़ पोस्टकार्ड
इस अवसर पर वह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि योजना को देश को समर्पित कर सकते हैं। पाटकर ने यहां कहा कि एम्स की मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को अब तक करीब डेढ़ करोड़ पोस्टकार्ड भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा मुस्लिम समुदाय द्वारा पांच हजार से अधिक संस्कृत भाषा में लिखित ज्ञापन समेत लगभग 20 हजार ज्ञापन लोकसभा में भेजे गए हैं। बुंदेली नेता ने कहा कि यह विडंबना ही है कि सैकड़ों समस्यायों का सामना कर रहे बुंदेलखंड के लोगों की तरफ कोई ध्यान नही दे रहा। बुंदेली समाज अपने हक की आवाज उठाता रहेगा।
गुलाम नवी आजाद ने दिया मुफ्त जमीन का भरोसा
चिकित्सा के क्षेत्र में अति पिछड़े बुदेलखंड में एम्स की मांग पूरी तरह तर्क संगत है। कल तक यदि इस पर विचार नही किया गया तो मै अन्न का त्याग कर दूंगा और सिर्फ फलों पर आश्रित रहूंगा। झांसी और बांदा जैसे शहरों की बजाय महोबा में एम्स की वकालत पर सफाई देते हुए बुंदेली नेता ने कहा कि महोबा बुंदेलखंड के केन्द्र में स्थित है जिससे आसपास के जिलों के बाशिंदो को यहां पहुंचने में सहूलियत होगी। पाटकर ने बताया कि पूर्व महाअधिवक्ता और राज्य सभा सदस्य विजय बहादुर सिंह महोबा में एम्स को लेकर एक खत तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नवी आजाद को लिख चुके है जिसमें उन्होने एम्स के लिए मुफ्त जमीन देने का भरोसा दिया था।