Edited By ,Updated: 06 Feb, 2016 01:57 PM
यूपी के मुजफ्फरनगर में वर्ष 2013 में हुए दंगे और दोहरे हत्याकाण्ड के 10 आरोपियों को सबूतों के अभाव में कोर्ट से बरी कर दिया गया है।
मुजफ्फरनगर: यूपी के मुजफ्फरनगर में वर्ष 2013 में हुए दंगे और दोहरे हत्याकाण्ड के 10 आरोपियों को सबूतों के अभाव में कोर्ट से बरी कर दिया गया है। इन दंगों में एक महिला सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। अपर जिला जज अरविंद कुमार उपाध्याय द्वारा सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी कर दिया गया।
यह घटना मुजफ्फनगर जिले के लांक गांव में हुई थी। इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था और कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। हालांकि आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने की वजह से कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। सितंबर 2013 में मुजफ्फ्रनगर और शामली में हुए दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों परिवार बेघर हुए थे।
बीजेपी ने मनाया जश्न
कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी कार्यकत्र्ताओं द्वारा जमकर जश्र मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि इस मामले में बीजेपी के विधायक सुरेश राणा और संगीत सोम का नाम शामिल था। बीजेपी विधायक और दंगे के आरोपी सुरेश राणा ने कहा, 'इस फैसले से सच सामने आ गया है। हजारों मासूम हिंदुओं को स्थानीय प्रशासन के द्वारा सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के इशारे पर परेशान किया गया।' उन्होंने कहा, 'एसपी को सबक सिखाने के लिए हम इस फैसले को आगे तक ले जाएंगे, खासकर 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हम एसपी को जवाब देंगे।'