योगीराजः मुस्लिम सिपाही रख सकेंगे दाढ़ी, बस करनी पड़ेगी ये शर्त पूरी

Edited By ,Updated: 05 May, 2017 01:09 PM

muslim soldiers will be able to keep beards will have to do condition

अगर कुछ दिनों में आप यूपी पुलिस के वर्दीधारी को दाढ़ी रखे हुए देखें तो चौंकिएगा नहीं! क्योंकि योगीराज में इसकी शुरुआत होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है....

इलाहाबादः अगर कुछ दिनों में आप यूपी पुलिस के वर्दीधारी को दाढ़ी रखे हुए देखें तो चौंकिएगा नहीं! क्योंकि योगीराज में इसकी शुरुआत होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। हालांकि इसमें योगी सरकार कोई नया कानून नहीं ला रही है बस पुराना नियम ही लागू किया जा सकता है। अंतिम फैसला पुलिस विभाग के अधिकारी पर ही छोड़ा गया है कि वो किस मुस्लिम वर्दीधारी को दाढ़ी रखने की इजाजत देता है और किसे नहीं देता? यानी कि दाढ़ी रखने की ये एक शर्त है कि दाढ़ी रखने के लिए कप्तान की इजाजत लेनी होगी।

ये कप्तान के विवेक पर निर्भर करेगा कि वो क्या निर्णय देते हैं। दरअसल यूपी पुलिस के एक मुस्लिम सिपाही ने ड्यूटी पर दाढ़ी रखने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सिपाही ने महकमे के क्लीन सेव के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू की तो सिपाही की ओर से धार्मिक मान्यताओं की दलील दी गई। साथ ही मुस्लिमों के लिए 1985 में जारी सर्कुलर का हवाला दिया गया। अदालत ने इस मामले को निस्तारित करते हुए एसपी को आदेश दिया कि वो दो महीने में निर्णय लें कि सिपाही को दाढ़ी रखनी है या नहीं। कोर्ट ने इस मामले में सीधे तो कोई आदेश नहीं दिया लेकिन अब एसपी चाहेंगे तो यूपी पुलिस का सिपाही ऑन ड्यूटी दाढ़ी में नजर आएगा।

दाढ़ी को लेकर ये था विवाद
दाढ़ी को लेकर विवाद मामला यूपी के बिजनौर का है। बिजनौर पुलिस लाइन में तैनात सिपाही नईम अहमद ने दाढ़ी रखने के लिए अपने अधिकारी से इजाजत मांगी। लेकिन नईम को नियमावली बताते हुए ऑन ड्यूटी क्लीन सेव रहने की हिदायत दी गई। विवाद बढ़ा तो नईम ने बगावत कर दी। नईम ने दाढ़ी रखने की इजाजत के लिए यूपी पुलिस को अदालत में खीचा और हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने करते हुए एसपी बिजनौर को आदेशित किया कि पुलिस लाइन में तैनात सिपाही नईम को दाढ़ी रखने की अनुमति देने के मामले में नियमानुसार दो महीने में निर्णय लें।

क्या था 1985 का सर्कुलर?
दरअसल यूपी सरकार ने पुलिस डिपार्टमेंट के लिए एक नियमावली बना रखी है। उसी नियमावली में 10 अक्टूबर 1985 को सरकार ने एक और सर्कुलर ऐड किया। जिसके तहत सक्षम अधिकारी की अनुमति से मुस्लिम दाढ़ी रख सकते हैं। इस मामले में भी इसी सर्कुलर की दलील दी गई है। नईम की ओर से अदालत को बताया गया कि उसने इस बाबत एसपी को प्रत्यावेदन भी दिया है। फिलहाल कोर्ट के निर्णय के बाद अगर अब एसपी ने दाढ़ी रखने की इजाजत दे दी तो नया ट्रेंड शुरू हो जाएगा।
 

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