Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 06:30 PM
इंसानों ने अपनी इंसानियत भले ही छोड दी हो लेकिन जानवर इस बात को बाखूबी समझते हैं कि एक मां की क्या जिम्मेदारियां होती हैं। शायद यही कारण था कि एक मां द्वारा फेंके गए नवजात को कड़ाके की...
उन्नावः इंसानों ने अपनी इंसानियत भले ही छोड़ दी हो लेकिन जानवर इस बात को बाखूबी समझते हैं कि एक मां की क्या जिम्मेदारियां होती हैं। शायद यही कारण था कि एक मां द्वारा फेंके गए नवजात को कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए सियार ने न केवल 6 घन्टे तक अपनी मांद में रखा बल्कि उसकी रखवाली भी की। जब आगरा एक्सप्रेस वे के कर्मचारियों की नजर पड़ी तो वह मादा सियार नवजात काे वहीं छाेड़कर भाग खडी हुई। फिलहाल नवजात का उन्नाव के एनआईसीयू में इलाज चल रहा है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, एक मां ने लोकलाज के डर से अपने 12 घन्टे के नवजात को सियार का निवाला बनने के लिए उसके मांद के पास छोड़ दिया था। लेकिन इन्सानों से ज्यादा ममता रखने वाले जानवर ने इसे 6 घन्टे कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए मांद में खींच ले गई और मादा सियार ने इसकी सुबह होने तक देखभाल की। सुबह होते ही बच्चे की किलकारी औरास थाना क्षेत्र के पंचमखेडा के पास एनएलटी के कर्मचारियों के कानों में पड़ी तो वह यह देखकर दंग रह गए कि कैसे एक सियार नवजात की देखभाल कर रहा है।
नवजात अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती
लोगों को आते देख मादा सियार नवजात काे वहीं छाेड़कर भाग निकली। जिसके बाद कर्मचारियों ने इसे पीएचसी औरास में भर्ती कराया और पुलिस को सूचना। जब पुलिस को यह मालूम हुआ कि बच्चे के शरीर का तापमान सिर्फ 16 डिग्री रह गया तो इस नवजात को जिला अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराया। जहां उसका ईलाज चल रहा है।
बाल कल्याण समिति करेगी बच्चे की देखरेख-एसपी
एसपी पुष्पांजलि देवी ने बताया कि औरस थाना क्षेत्र में एन.एल.टी के कर्मचारियों ने हमारे औरस थानाध्यक्ष को ये सूचना दी थी कि एक सियार की मांद पर एक नवजात शिशु पड़ा हुआ है। इस सूचना पर हमारे थानाध्यक्ष औरस तत्काल मौके पर गए। बच्चे को बहुत सावधानी से वहां से उठाकर अस्पताल तक लेकर आए। जहां उसका ट्रीटमेंट चल रहा है। बाल कल्याण समिति को इस बच्चे को आगे की कार्रवाई करने के लिए सुपुर्द किया गया है।