Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jan, 2018 06:55 PM
किसी भी व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद गुरु अर्थात अध्यापक का ही सर्वोच्च स्थान माना गया है। वही बच्चों को सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन देकर अज्ञानी से ज्ञानवान नागरिक बनाने का मार्ग प्रशस्त करते....
गाजियाबादः किसी भी व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद गुरु अर्थात अध्यापक का ही सर्वोच्च स्थान माना गया है। वही बच्चों को सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन देकर अज्ञानी से ज्ञानवान नागरिक बनाने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। कुछ समय पहले तक गुरुजनों द्वारा दिए जाने वाले दंड में भी उनका स्नेह छिपा होता था। परन्तु आज जमाना बदल गया है।
अध्यापक अपने व्यवसाय के उच्च आदर्शों-मर्यादाओं को भूलकर न सिर्फ बच्चों पर अमानवीय अत्याचार ढा रहे हैं बल्कि नैतिकता को भी तार-तार कर रहे हैं। आज का मामला भी कुछ इसी प्रकार का है।
जानिए पूरा मामला
ताजा मामला गाजियाबाद के एक स्कूल का है। जहां सात साल के बच्चे की बेरहमी से पिटाई के बाद मौत हो गई। इस स्कूल में पढ़ रहे छोटे बच्चे को किसी बात पर पीटा गया था। पिटाई के बाद हालत खराब होने पर बच्चे को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां बच्चे ने दम तोड़ दिया।
जांच में जुटी पुलिस
वहीं परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर बच्चे के साथ निर्दयता का आरोप लगाया है। साथ ही अभिभावकों ने पुलिस में शिकायत की है और आरोपी लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।