Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 02:21 PM
उत्तर प्रदेश विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना तहसीलों की संख्या बताने में अटक गए। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कई बार कहा कि राज्य में कुल तहसीलों की संख्या के बारे में सभी सदस्य जानते...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना तहसीलों की संख्या बताने में अटक गए। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कई बार कहा कि राज्य में कुल तहसीलों की संख्या के बारे में सभी सदस्य जानते हैं, लेकिन विपक्षी चुटकी लेते रहे। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि जब खन्ना तहसीलों की संख्या नहीं बता पा रहे हैं तो इसी आधार पर नियुक्त होने वाले न्यायिक अधिकारी की संख्या क्या बता पाएंगे।
जानकारी के अनुसार हुआ यूं कि प्रश्न प्रहर में समाजवादी पार्टी (सपा) के संजय गर्ग ने चकबन्दी में चल रहे वादों के सम्बन्ध में सवाल किया था। इसी बीच सपा के ही शिवपाल यादव ने पूछ लिया कि तहसील स्तर पर वादों के निस्तारण के लिए कितने न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की गई है और राज्य में कुल कितनी तहसील हैं। खन्ना इस सवाल पर बगले झांकने लगे। इसी बीच खन्ना ने कहा तहसीलों की संख्या रखने का काम निजी सचिव और बाबू करते हैं। वैसे, राज्य में विकास खण्डों की संख्या 820 है। इन संख्याओं को लेकर ज्यादा पूछताछ करने की जरुरत नहीं है।
इसी बीच, किसी विधायक ने पीछे से कहा तहसीलों की संख्या 350 है। खन्ना ने विधायक द्वारा बताई गई संख्या सदन में बोल दी। हास-परिहास के बीच राजस्व राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल ने बताया कि तहसील स्तर पर 60 अपर जिलाधिकारी न्यायिक, 305 तहसीलदार न्यायिक और 243 उपजिलाधिकारी न्यायिक पद सृजित हैं। इन पर ज्यादातर में तैनाती कर दी गई है। शेष की प्रक्रिया चल रही है। इससे पहले, संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि एक अप्रैल 2016 तक एक लाख 45 हजार 197, नवम्बर 2016 तक 2 लाख 12 हजार 618 चकबन्दी वाद दायर हुए हैं। जिसमें 2 लाख 20 हजार 412 से ज्यादा का निस्तारण किया जा चुका है।