लखनऊ आने वाले इन्वेस्टर्स को लुभाएगा लोकप्रिय ‘‘बाटी-चोखा’’ रेस्टोरेंट, जोरों पर तैयारियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 12:07 PM

राजधानी लखनऊ में बुधवार से हो रहे 2 दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट को लेकर जहां पूरा लखनऊ दुल्हन की तरह सजाया गया है, वहीं दूसरी तरफ वीआईपी इलाके गोमतीनगर स्थित बाटी-चोखा रेस्टोरेंट ने भी विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए खास तैयारी कर रखी है। राजधानी में...

लखनऊ(अनिल सैनी): राजधानी लखनऊ में बुधवार से हो रहे 2 दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट को लेकर जहां पूरा लखनऊ दुल्हन की तरह सजाया गया है, वहीं दूसरी तरफ वीआईपी इलाके गोमतीनगर स्थित बाटी-चोखा रेस्टोरेंट ने भी विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए खास तैयारी कर रखी है। राजधानी में पहली बार हो रहे इतने बड़े इन्वेस्टर्स समिट को देखते हुए इस रेस्टोरेंट को देशी ढंग से सजाया गया है। जो मेहमानों को अपनी तरफ खासा आकर्षित करेगा। इस रेस्टोरेंट की सजावट में भारतीय संस्कृति की झलक साफ दिखाई दे रही है। रेस्टोरेंट को देशी गेंदे की लतर से सजाया गया है। रेस्टोरेंट के मुख्य द्वार पर देशीपन की दस्तक मेहमानों के लिए खास रहेगी।
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बाटी-चोखा रेस्टोरेंट मेहमान नवाजी में व्यस्त 
एक तरफ प्रदेश सरकार देशी-विदेशी मेहमानों के स्वागत में कोई कमी नहीं रखना चाहती है। दूसरी तरफ बाटी-चोखा रेस्टोरेंट मेहमान नवाजी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। बाटी-चोखा रेस्टोरेंट भी विदेशी इन्वेस्टरों को देशी व्यंजन खिलाकर व मेहमान नवाजी कर एक अलग सन्देश देगा। इसे लेकर अलग-अलग ढंग से तैयारियां चल रही हैं। बता दें कि बाटी-चोखा रेस्टोरेंट भारतीय खान पान की पारम्परिक परम्परा को सहेज कर आप तक पहुंचाने में सबसे आगे है। जिसकी सोच में ही ‘मैं नजर आता हूं’ यानी "टेस्ट ऑफ बनारस"। यहां ठेठ देशीपन की दस्तक आपको बहुत हौले से दिखाई देगी। रेस्टोरेंट के बाहर से ही गांव और दादी मां के चूल्हे से आती सोंधी खुशबू जेहन में समा जाएगी। यही वजह है कि पिछले 15 सालों से पूर्वान्चल के घरों के चूल्हे का स्वाद और परम्परागत तरीके से पकवान की विधी से तैयार लजीज भोजन ने देखते ही देखते हर किसी की स्‍वाद ग्रंथियों पर कब्ज़ा जमा लिया है। 
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बनारस की पारम्परिक मसबरी कला का है नमूना
बाटी-चोखा रेस्टोरेंट के गेट पर ही मिट्टी से बना द्वार और उस पर बनी बनारस की पारम्परिक मसबरी कला का नमूना नजर आने लगता है। उसके आगे गांव के पुराने घरों की संस्कृति और परम्परा को सहेज कर रखने वाला लकड़ी की नक्काशी का खूबसूरत चौखठ सब का स्वागत करता है। इस गेट को देखकर आपके मन में रेस्टोरेंट को लेकर कई सवाल उठने लगेंगे। जिसका जवाब जैसे ही आप गेट के अंदर जाएंगे तभी से मिलना शुरू हो जाता है। रेस्टोरेंट के आगे गांव के घर की दालान की तरह ही दालान है जहां लकड़ी का पुराना बक्सा, प्राचीन कलाकृतियों को सहेजे मिट्टी का घड़ा है। जांता पर चना पीसती महिलाएं आज के आधुनिक चकाचौंध के बीच सुकून भरा एहसास दिलाती हैं। 
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HDFC के डायरेक्टर ने भी चखा ‘बाटी चोखा’ का स्वाद
बाटी-चोखा रेस्टोरेंट की लोकप्रियता की स्थिति यह है कि यहां देश के बड़े-बड़े पत्रकार, प्रमुख राजनेता, बैंकर भी देशी व्यंजनों का स्वाद लेने अक्सर आते हैं। हाल में ही एचडीएफसी के चेयरमैन आदित्य पुरी भी बाटी-चोखा रेस्टोरेंट में पधारे व देशी भोजन का स्वाद ग्रहण कर इसकी तारीफ की। उनके साथ एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे जिन्होंने मां-दादी के हाथों जैसा बना खाना खाकर इसकी तारीफ की।


 

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