Edited By ,Updated: 10 Nov, 2016 03:23 PM
औदयोगिक शहर कानपुर के प्रमुख चमड़ा उद्योग के करीब 50 हजार कर्मचारियों मजदूरों को वेतन के लाले पड़ गए है।
कानपुर: औदयोगिक शहर कानपुर के प्रमुख चमड़ा उद्योग के करीब 50 हजार कर्मचारियों मजदूरों को वेतन के लाले पड़ गए है। टेनरी मालिकों के पास नए नोट नहीं है और कर्मचारी पुराने 500 और 1000 के नोट लेने को तैयार नहीं है। आज भी शहर की कई टेनरी के कर्मचारियों ने वेतन के लिए टेनरियों के बाहर भीड़ लगाए रखी और कर्मचारियों ने काम नहीं किया।
50 हजार मजदूर-कर्मचारी करते हैं काम
शहर के जाजमउ इलाके में करीब चार सौ टेनरियां है जहां करीब 50 हजार मजदूर कर्मचारी काम करते है। टेनरियों में वेतन तारीख महीने की नौ से दस तारीख होती है । लेकिन अचानक आठ नवंबर को पांच सौ हजार के नोट बंद हो जाने से टेनरी मालिकों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वह इतने कर्मचारियों को नकदी में कहां से वेतन बांटे क्योंकि कर्मचारी 500 और 1000 के नोट लेने से मना कर रहे है।
वेतन देने के लिए नहीं हैं नए नोट
तलत लेदर इंडस्ट्रीज के मालिक आसिफ खान ने बताया कि आज हमारी टेनरी के कार्यालय के सामने सैकड़ों मजदूर वेतन लेने के लिए खड़े है लेकिन हम उन्हें वेतन नहीं दे पा रहे है क्योंकि हमारे पास नए नोट ही नहीं है। बैंक से भी 10000 रूपए से अधिक नहीं निकल पा रहे हैं। इसलिए न तो कर्मचारियों को वेतन दे पा रहे है जब वेतन नहीं दे पा रहे है तो मजदूर काम नहीं कर रहे है और काम बंद पड़ा है। सुपर टेनरी के निदेशक इमरान सिददीकी ने बताया कि उनकी टेनरी में भी काम नही हो पा रहा है क्योंकि मजदूर आफिस का घेराव किए खड़े है और पिछले महीने के वेतन की मांग कर रहे है । अब हमारे पास 500-1000 के नोट है जो कर्मचारी लेने को तैयार नहीं है।
वेतन न मिलने से मजदूर-कर्मचारी परेशान
अब कर्मचारियों मजदूरों को यह दिलासा दिया है कि टेनरी के एकाउंटेट को बैंक भेजा है वह जैसे ही पैसे लेकर आता है वेतन दे दिया जाएगा लेकिन हम सच्चाई जानते है कि बैंक से दस हजार रूपए से ज्यादा नहीं मिलेगा जिससे हम अपने 120 मजदूरों कर्मचारियों को वेतन नही दे पाएंगे। कमोबेश एेसा ही आलम पूरे जाजमउ इलाके में है जहां टेनरी कर्मचारी मजदूर अपनी अपनी टेनरी के सामने वेतन मिलने की आस में खड़े है क्योंकि यह चार पांच हजार रूपए प्रति माह कमाने वाले मजदूर इसी वेतन से अपने परिवार का पेट भरते है।
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