Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 02:58 PM
लखनऊ विकास प्राधिकरण में अक्सर आवंटन को लेकर सवाल उठता है....
लखनऊः लखनऊ विकास प्राधिकरण में अक्सर आवंटन को लेकर सवाल उठता है। इस मामले में प्राधिकरण की कर्रवाई हमेशा सवालो के घेरे में रहती है और जब जांच के लिए फाइल तलब की जाती हैं, तो वो या तो गायब हो जाती या छेड़छाड़ का शिकार हुई होती है। लेकिन अब ऐसा नही हो पाएगा। क्योकि अब प्रधिकरण डिजिटल हो रहा है।
सालों पुरानी फाइलें भी स्कैन कर होंगी डिजिटलाइस
आने वाले दिनों में एलडीए की फाइलें अफसरों के कम्प्यूटर पर एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी। एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने फाइलों को डिजिटल करने के साथ ही इन्हें एनोटेशन पर उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। डिजिटलाइज़ेशन की जिम्मेदारी एक निजी कम्पनी को दी गई है। ये कम्पनी एलडीए की सालों पुरानी फाइलों को स्कैन कर उन्हें डिजिटल रूप दे रही है।
चल रहा काम
प्राधिकरण ने इसका काम केन्द्र की संस्था निक्सी के माध्यम से निजी कम्पनी राइटर को दिया है। राइटर ही फाइलों की स्कैनिंग करा रही है। स्कैन होने के बाद मूल फाइलों को वह ट्रांसपोर्ट नगर में बने अपने रिकार्ड रूम में सुरक्षित रखा जा रहा है। एलडीए के नजूल अधिकारी सीएल मिश्र के मुताबिक लगभग 93000 फाइलों को स्कैन किया जा चुका है। बाकी बची फाइलों को स्कैन करने का काम चल रहा है।
एलडीए उपाध्यक्ष पीएन सिंह के मुताबिक अगर 15 अगस्त तक काम पूरा नहीं हुआ तो उस कंपनी पर जुर्माना लगाया जाएगा। विभाग ने कम्पनी के कामों की समीक्षा की है। इसके साथ ही डिजिटलाइजेशन के काम को तेज़ी से करने के निर्देश दिए गए हैं।
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