अमरोहा में वानरों की मृत्यु की गुत्थी सुलझाने में जुटी IVRI

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Mar, 2018 03:52 PM

ivri engaged in resolving knot of apes in amroha

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बड़ी तादाद में वानरों की मृत्यु की गुत्थी सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम जुटी हुई है। जिले में सीमावर्ती इलाके के ढबारसी गांव में पिछले एक सप्ताह में सौ से अधिक बंदरों की मृत्यु हो चुकी है। एक के बाद एक इतनी बडी संख्या...

अमरोहाः उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बड़ी तादाद में वानरों की मृत्यु की गुत्थी सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम जुटी हुई है। जिले में सीमावर्ती इलाके के ढबारसी गांव में पिछले एक सप्ताह में सौ से अधिक बंदरों की मृत्यु हो चुकी है। एक के बाद एक इतनी बडी संख्या में वानरों की मृत्यु का राज जानने के लिए बरेली के इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों जुटे हैं। वैज्ञानिक मृत वानरों के विसरे की जांच कर रहे हैं। 

आईवीआरआई निदेशक डा.अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि बंदरों की अचानक इतनी बड़ी संख्या में रहस्यात्मक मौत की गुत्थी सुलझाने में वैज्ञानिकों की टीम जुटी हुई है। जब तक मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो जाती, अलग अलग लैब में परीक्षण चलता रहेगा। एक दो दिन में किसी नतीजे पर जरूर पहुंच जाएंगे।  अमरोहा में सप्ताह भर से श्री बाला जी महाराज हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। प्रतिदिन झांकी और प्रभातफेरी निकाली जा रही है। 

इस दौरान हसनपुर से लगभग दस किलोमीटर दूर दस हजार की आबादी समेटे ढबारसी गांव के क्षेत्र में पहली बार बंदरों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां बीते एक सप्ताह में सौ से अधिक बंदरों की मौत से धर्मप्रेमियों व स्थानीय लोगों की नींद उडाए हुए हैं। पोस्टमार्टम करने वाले डा. तेजपाल सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम में यह बात को साबित हुई है कि बंदर का पेट खाली था यानि मरने से दो तीन दिन पहले से बंदर ने कुछ खाया नहीं था। बंदर के फेफड़े और लीवर भी खराब मिले हैं। खूनी दस्त से बंदरों की मौत हो रही है। जहर देने की पुष्टि आईवीआरआई बरेली लैब में जांच के बाद ही हो सकेगी। गांव में उनके सामने दो बंदरो की मौत हुईथी जबकि दो बेहोशी की हालत में पड़े थे। 

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर ब्रजवीर सिंह ने बताया कि यहा बंदरों की काफी तादात है। सारे बंदर पहले अंधेरी बाग में रहते थे। बाग कटने के बाद बंदर आबादी में आ गए। बंदरों के उत्पात से लोग परेशान रहते है। लेकिन बंदरों की मौत से ग्रामीण सकते में है। बंदरों की मौत पर पशुपालन विभाग के डा.नरेंद्र, डा.तेजपाल और डा.सुमित राठी की टीम गठित की गई है जो रात दिन बीमार बंदरों के इलाज में जुटी हुई है।

फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद बंदरो का बिसरा आरवीआई बरेली भेजा गया है। जिससे बंदरों की मौत का सच सामने आ सके। शुरूआती जांच में बंदरों की मौत किसी जहर की वजह से होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों की एक साथ दस मौत के बाद संबंधित विभागों को ग्रामीण सूचना दिए जाने के बाद भी कोई सुध नहीं ली गई, जिस कारण बंदरों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। प्रशासन ने मरने वाले बंदरों का पोस्टमार्टम कराने के लिए आई वी आर आई बरेली भेजा है। इस तरह से बंदरों के मरने से बालाजी भक्तमंडल व ग्रामीणों में भी काफी आक्रोश छाया हुआ है।
 

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