Edited By ,Updated: 08 Sep, 2016 01:26 PM
वैसे तो बिजली के तार लोगों के घरों में उजाला करते हैं लेकिन मेरठ के एक घर में उसने ऐसा अंधेरा किया कि पूरा परिवार दर्द में डूबा हुआ है।
मेरठ (आदिल रहमान): वैसे तो बिजली के तार लोगों के घरों में उजाला करते हैं लेकिन मेरठ के एक घर में उसने ऐसा अंधेरा किया कि पूरा परिवार दर्द में डूबा हुआ है। जिस मासूम को अपने अपाहिज मां-बाप का सहारा बनना था वो विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते खुद सहारे के लिए मोहताज हो गया है क्योंकि हाई टेंशन लाइन के तारों की चपेट में आने से उसके दोनों हाथ इलाज के दौरान काटने पड़े।
मेरठ के मवाना क्षेत्र में रहने वाला चार साल का मासूम दक्ष और उसका परिवार विद्युत विभाग की ऐसी ही लापरवाही का शिकार बना है। दक्ष के माता-पिता दोनों पैरों से अपाहिज हैं। घर की आर्थिक हालात भी ज्यादा अच्छी नहीं है लेकिन पूरा परिवार ये सोचकर की दक्ष एक दिन उनका सहारा बनेगा किसी तरह गुजर बसर कर रहा था लेकिन बीती 26 जून को उनपर ऐसा कहर टूटा कि उनके सब सपने चकनाचूर हो गए और उनकी आंखों में ना थमने वाले आंसू छोड़ गए।
दरअसल बीती 26 जून को जब चार साल का दक्ष अपने घर से कुछ दूरी पर मैदान में खेल रहा था तो उसने अनजाने में जमीन से कुछ ऊपर ही गुजर रहे 11000 वोल्टेज की लाइन वाले बिजली के तार को छू लिया था। इस हादसे में दक्ष के साथ उसका ममेरा भाई प्रिंस भी चपेट में आया था लेकिन दक्ष इस कदर जख्मी हुआ कि उसके दोनों हाथ तक काटने पड़ गए। दक्ष के जख्म और परिवार के आंसू इस परिवार के दर्द को बयान कर रहे हैं। दक्ष के इलाज में काफी पैसा भी लगा साथ ही उसकी देख रेख के चलते उसके पिता की नौकरी भी जाती रही। आज ये परिवार मदद की गुहार लगा रहा है लेकिन नौकरशाहों और राजनेताओं के गलियारे में उनकी दर्द भरी गुहार दब कर रह गयी है।
विद्युत विभाग की लापरवाही से हुआ हादसा
इस घटना में विद्युत विभाग की साफ तौर से लापरवाही थी। 11000 की हाईटेंशन लाइन जमीन से छूती हुई गुजर रही थी। लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और जब ये हादसा हो गया उसके बाद विद्युत विभाग ने आनन-फानन में वहां खम्बा लगाया। वहीं पीड़ित परिवार की शिकायत पर विद्युत विभाग द्वारा जांच में स्थानीय अधिकारियों को दोषी भी पाया गया लेकिन ना तो दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई हुई न ही परिवार की आर्थिक रूप से विद्युत विभाग ने कोई मदद की।
आस पास के लोग जरूर सामने आये और उन्होंने अपनी तरफ से इस परिवार की मदद करने की पूरी कोशिश की लेकिन ये तमाम मदद इस परिवार के दर्द को कम करने में नाकाफी साबित हो रही है। अब पीड़ित परिवार हर जगह मदद के लिए गुहार लगाता घूम रहा है लेकिन किसी का ध्यान इस बेबस परिवार की तरफ नहीं जा रहा है।
सरकार ने भी नहीं ली सुध
पीड़ित दक्ष के पिता बबलू ने बताया कि उसने सभी जगह मदद की गुहार लगाई लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस मामले में वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अधिकारी मदद का आश्वासन तो देते हैं लेकिन अब तक हुआ कुछ नहीं। वह चाहता है कि उसे सरकार की तरफ से कोई सरकारी नौकरी दी जाए जिससे वह अपने और अपने परिवार का पेट पाल सके।