चाइनीज राखियों का बहिष्कार कर छात्राओं ने फौजी भाईयों को भेजी इंडियन राखी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 01:26 PM

indian rakhi sent to soldiers

सीमा पर भारत-चीन विवाद का साइड इफेक्ट रक्षाबंधन त्याैहार से पहले ही देखने काे मिल रहा है...

गोरखपुरः सीमा पर भारत-चीन विवाद का साइड इफेक्ट रक्षाबंधन त्याैहार से पहले ही देखने काे मिल रहा है। बाजार में जहां इस बार इंडियन राखियाें की धूम मची हुई है, वहीं चाइनीज राखियां पूरी तरह से गायब हैं। इस बहिष्कार के चलते गोरखपुर के स्कूल की छात्राओं ने अपने हाथों से राखी बनाकर फौजी भाईयों को भेंट की हैं।

जानकारी के अनुसार अयोध्या दास इंटर कॉलेज की छात्राओं ने टीचरों के साथ मिलकर अपने फौजी भाइयों को राखी के रुप में अपना प्यार भेजा है। छात्राओं ने टीचरों की मौजूदगी में इन राखियों को एक डिब्बे में पैक किया । ये कोई आम राखियां नहीं है बल्कि इन राखियों में बहनों का प्यार छुपा हुआ है।

इस बार चाइना राखियों का विरोध हर तरफ किया जा रहा है। सैकड़ों छात्राओं और टीचरों ने अपने हाथ से राखी बनाकर चाइना की राखियों का बहिष्कार किया है। जिस तरह से चाइना राखियों का इन बहनों ने बहिष्कार किया है, उससे तो चाइना पूरी तरह से कमजोर होता नजर आ रहा है।

गौरतलब है कि गोरखपर में लगभग 50 से 70 लाख रूपए तक का कारोबार राखियों का है। जिसमें 8 से 10 फीसद चाइनीज राखियों की हिस्सेदारी होती थी, जिसमें ट्रेंडी राखियों की डिमांड थी। लेकिन इस बार इंडियन राखियों में भी ट्रेंडी राखियां आ गई हैं। कीमत में थाेड़ा अंतर जरूर है। जहां चाइनीज राखियां 12 रूपए दर्जन बिकती थी वहीं इंडियन राखियाें की कीमत 14 रूपए दर्जन पड़ रही है। कुल मिला कर देखा जाए तो चाइनीज राखियों की बाजार में हिस्सेदारी 8 से 10 प्रतिशत ही होती थी जो इस बार खत्म है।

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