Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Sep, 2017 04:55 PM
एक तरफ जहां केंद्र सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पूरे प्रदेश में फसल ऋण मोचन माफ़ी योजना के तहत किसानों का कर्ज माफ कर उन्हें...
उन्नावः एक तरफ जहां केंद्र सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पूरे प्रदेश में फसल ऋण मोचन माफ़ी योजना के तहत किसानों का कर्ज माफ कर उन्हें राहत पहुंचाने का काम कर रही है तो दूसरी आेर यूपी एसआईडीसी के किसान अपनी ही जमीन की वापसी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
गुलाबी गैंग ने संभाली कमान
वहीं अब इस लड़ाई की कमान गुलाबी गैंग में संभाल ली है। गुलाबी गैंग के कमांडर संपत पाल का कहना है कि मेरे उत्तर प्रदेश में गुलाबी गैंग की महिलाएं हर जिले में जिला कमांडर होती हैं। उनके पास गुलाबी ड्रेस के साथ डंडा भी होता है। शासन, प्रशासन काे चाेर कहते हुए संपत पाल ने कहा कि उनको डकैती डालने आना है। इस बार आएंगे ताे हम भी पंगा लेंगे उनसे, हम किसी से डरते नहीं हैं।
2 अक्टूबर को गांधीवादी बनकर अपनी जमीन पर हल चलाएंगे-सनोज
वहीं किसान आन्दोलन संचालक सनोज ने बताया कि 2 अक्टूबर को हम गांधीवादी बनकर अपनी जमीन पर हल चलाएंगे। इससे सरकार हमें वंचित नहीं कर सकती है। अगर प्रशासन हमें वंचित करता है तो इससे निर्दयी सरकार और प्रशासन न हुआ है और न होगा। साथ ही उन्हाेंने कहा कि उद्योगों और रोजगार के नाम पर किसानाें को लूटा जा रहा है। बेरोजगारी के दलदल में उसको धकेला जा रहा है। ये देश अगर इसी तरह चलता रहा तो हर रोज किसान खुदखुशी करने पर मजबूर होंगे।
उपजाऊ जमीन को बंजर दिखाया गया-हीरेन्द्र
किसान आन्दोलन संयोजक हीरेन्द्र का कहना है कि जबसे ये अधिग्रहण हुआ है तब से हम इसका विरोध करते आ रहे हैं। शुरुआती रिपोर्ट में हमारी उपजाऊ जमीन को बंजर दिखाया गया है जो सरासर झूठी रिपोर्ट है। जमीन का खसरा और खतौनी आज भी किसानाें के पास मौजूद है। जिसमें बहुफसलीय भूमि दिखाया गया है।
प्रशासन अपनी रणनीति बना रहा है। अब हमने भी अपनी रणनीतियां बना ली है और हमारा साथ देने के लिए गुलाबी गैंग ने कमर कस ली है। यदि प्रशासन ने दमनकारी नीति अपनाने का प्रयास किया तो उसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा