गोरखपुर-फूलपुर उपचुनावः कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच रविवार को डाले जाएंगे वोट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 02:18 PM

gorakhur fulpur sub election votes will go between strict security arrangements

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा का सवाल बनी गोरखपुर संसदीय सीट के उपचुनाव के लिए शनिवार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान होगा।  मतदान के लिए पोलिंग पार्टियां शनिवार्रवार शाम तक मतदान केन्द्रों पर पहुंच जाएगी। मतदान केन्द्रों से...

गोरखपुरः उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा का सवाल बनी गोरखपुर संसदीय सीट के उपचुनाव के लिए शनिवार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान होगा।  मतदान के लिए पोलिंग पार्टियां शनिवार शाम तक मतदान केन्द्रों पर पहुंच जाएगी। मतदान केन्द्रों से लेकर पोलिंग पार्टियों तक की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने और फूलपुर के सांसद केशव प्रसाद मौर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद इस दोनों संसदीय सीट पर उपचुनाव हो रहा है जिसका मतदान 11 मार्च और परिणाम 14 मार्च को होगा। 


पीएसी व सिपाहियों की निगरानी में होगा उपचुनाव
उपचुनाव की निगरानी में 13 हजार अर्धसैनिक बल, पीएसी व सिपाहियों को लगाया गया है और डयूटी में सभी से पूरी मुस्तैदी बरतने को कहा गया है। मतदान में 6 पोलिंग बूथ की निगरानी ड्रोन से होगी। संवेदनशील बूथ पर अर्धसैनिक बलों के साथ पीएसी के जवान तैनात होंगे। गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध पंकज ने बताया कि जिले में तैनात सभी पुलिस अधिकारी, सीओ, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी व सिपाहियों की चुनाव डयूटी लगाई गई है। 

शराब की दुकानों को बंद रखने के दिए निर्देश
उधर, शुक्रवार शाम 5 बजे चुनावी प्रचार बंद होने क बाद दूसरे जिलों से आए सभी स्टार प्रचारक वापस चले गए। प्रत्याशियों और समर्थकों ने अब डोर-टू-डोर प्रचार तेज कर दिया है। प्रशासन ने जिले की सीमाओं को सील कराने के साथ शराब की दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। चेक पोस्ट पर बैरियर लगाने के साथ वाहनों की तलाशी तेज कर दी गई है।  गोरखपुर जिला निर्वाचन अधिकारी राजीव रौतेला ने बताया कि सभी होटल और लाज की चेकिंग कराकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दूसरे जिले का कोई नेता शहर में न रूके तथा पकडे जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रविवार मतदान के दिन तक जिले एवं उसकी सीमा से 8 किलोमीटर के दायरे में शराब की सभी दुकानें बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं। रौतेला ने बताया कि दिव्यांगों के लिए इस उपचुनाव में 577 मतदान केन्द्रों पर व्हील चेयर की व्यवस्था की गई हैं। वोट डालने के दौरान उनके साथ एक सहायक मौजूद रहेगा। इसके अलावा मतदान का सीधा प्रसारण वेबकासटिंग के जरिए लखनऊ व गोरखपुर एनआईसी में देखी जा सकती है।  

ड्रोन कैमरों से होगी रखी जाएगी पैनी नजर 
उन्होंने बताया कि इस उपचुनाव में कुल 2141 मतदेय स्थलों को सीसीटीवी कैमरे से आच्छादित कर दिया गया है। 64 बूथो पर आब्जर्बर के साथ 33 कंपनी अर्धसैनिक बल मौजूद रहेगी। 970 सेन्टरों से वेबकासटिंग, वीडियो की व्यवस्था रहेगी।  चुनाव व्यवस्था की निगरानी के लिए छह ड्रोन कैमरे, 14 इंसेपेक्टर, 313 सबइंसपेक्टर, 250 एसआईयूटी, 266 मुख्य आरक्षी , 2600 सिपाही, 5600 होमगार्डस, 33 कंपनी अर्धसैनिक बल और 10 सिओ को तैनात किया गया है। इस उपचुनाव में कुल मतदान केन्द्र 970,मतदेय स्थल 2141, क्रिटिकल बूथ 148 है। 

वीवीपैट से पता लगेगा किस प्रत्याक्षी को गया वोट 
जिले के मतदाता पहली बार वोटर वेरीफाएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) के माध्यम से यह जान सकेंगे कि उनका मत किस प्रत्याशी को गया है। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से होने वाले इस चुनाव में पहली बार यहां वीवीपैट के माध्यम से पर्चियां निकलेंगी और मतदाता यह जान सकेंगे कि उनका वोट किस प्रत्याशी को गया है। प्रशासन ने इसके लिए 2141 ईवीएम मंगाई है जिसमें वीवीपैट लगा होगा। सबसे पहले इसका इस्तेमाल नागालैंड के चुनाव 2013 में हुआ। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट बनाने की मशीन बनाने और इसके लिए पैसे मुहैया कराने के आदेश केन्द्र सरकार को का दिए थे। चुनाव आयोग ने 2014 में तय किया कि अगले चुनाव यानि साल 2019 के चुनाव में सभी मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा।  

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