Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Oct, 2017 02:36 PM
समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता गायत्री प्रजापति को बड़ी राहत मिल सकती है। उनके खिलाफ दर्ज मामले में आरोप लगाने वाली महिला ने कोर्ट में कहा कि....
लखनऊ/चित्रकुटः समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता गायत्री प्रजापति को बड़ी राहत मिल सकती है। उनके खिलाफ दर्ज मामले में आरोप लगाने वाली महिला ने कोर्ट में कहा कि उसने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। साथ ही शिकायत के लिए हस्ताक्षर का फर्जी इस्तेमाल किया गया है। दरअसल, गायत्री और उनके साथियों पर गोमतीनगर थाने में दर्ज छेड़छाड़, अपहरण करने का प्रयास और धमकी देने के मामले में महिला ने सीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र देकर यह बात रखी है।
गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों पर है गैंगरेप मामला दर्ज
उल्लेखनीय है कि चित्रकुट में रहने वाली यह महिला वहीं है, जिसने गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों पर गैंगरेप व बेटी से रेप के प्रयास का मुकदमा गौतमपल्ली थाने में दर्ज कराया था। इसी केस में गायत्री प्रजापति व अन्य सभी साथी जिला जेल में बंद है। इस मामले के बाद 26 अक्टूबर को गोमती नगर थाने में चित्रकुट में रहने वाली इसी महिला के नाम से हुई शिकायत पर बबलू सिंह, आशीष शुक्ला व अज्ञात के खिलाफ छेड़छाड़, अपहरण करने का प्रयास और धमकी देने का केस दर्ज किया गया था। जिसमें बाद में गायत्री प्रजापति का नाम जोड़ते हुए पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
महिला ने मारा यू-टर्न
वहीं आज महिला ने सीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र भेज कर कोर्ट को बताया कि उसने यह केस दर्ज नहीं कराया है। इसलिए अब तक उसने अपने बयान भी दर्ज नहीं कराए। ऐसे में इस मामले पर सुनवाई नहीं की जाए। जानकारी के मुताबिक साथ ही उसने बताया है कि शिकायत पत्र में भी उसके फर्जी हस्ताक्षरों का इस्तेमाल किया गया। सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने महिला के शपथ पत्र मिलने के बाद मामले के विवेचक को तलब किया है। सीजेएम ने विवेचक को केस डायरी के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।